जहां जनता दल यूनाइटेड की आंतरिक राजनीति में इस वक्त घमासान मचा है। वही जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव आज से बिहार की जनता से सीधा संवाद शुरू कर रहे हैं। बता दे की शरद यादव ने भी अब खुलकर मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ बगावत का रुख अख्तियार कर लिया है। शरद यादव ने नीतीश कुमार और भाजपा की दोस्ती पर सवाल उठा रहे हैं वही तो नीतीश खेमा भी झुकने को तैयार नहीं है। इसके विरोध में शरद यादव आज से 12 अगस्त के बीच बिहार के 7 जिलों में जनसंवाद की मुहिम छेड़ेंगे।
बता दे की जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को उनकी पार्टी बाहर का रास्ता दिखा सकती है। वही शरद यादव आज से पटना से जनता से सीधा संवाद कार्यक्रम की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने में ट्वीट में लिखा है कि वे तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत सड़क मार्ग से जनता के बीच जाएंगे, और उनका ये कार्यक्रम जनहित में है। शरद यादव का कहना है कि उनके इस कार्यक्रम का मकसद लोगों से संवाद स्थापित करना है।
बता दे कि बिहार में जब से जेडीयू-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बनी है, तब से शरद यादव इससे नाराज चल रहे हैं। शुरूआत में वह दबी जुबान से नीतीश के फैसले का विरोध कर रहे थे लेकिन बाद में खुलकर इसके विरोध में आ गए। उनका कहना है कि नीतीश कुमार को जनमत महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के लिए मिला था और उन्होंने इस भाजपा के साथ सरकार बनाकर जनमत का अपमान किया है।
वही नीतीश के खिलाफ शरद यादव की इस मुहिम को लालू यादव और उनकी पार्टी से पूरा समर्थन मिल रहा है। लालू यादव नीतीश के खिलाफ मोर्चा बनाने और आंदोलन शुरू करने के लिए शरद यदाव को पहले ही न्यौता दे चुके हैं। वही लालू यादव ने कहा है कि नीतीश ने शरद यादव को धोखा दिया है और किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर पटना में शरद यादव पर हमला हो जाए। इधर जनता दल यूनाइटेड का कहना है कि शरद यादव को जो भी बात कहनी है उन्हें पार्टी प्लेटफॉर्म पर कहना चाहिए।
बता दे कि शरद यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी संभव है सूत्रों के अनुसार उन्हें पार्टी से निलंबित किया जा सकता है। राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाया जा सकता है। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर उनकी राज्यसभा की सदस्यता भी जा सकती है। दरअसल, जेडीयू में राज्यसभा में नया नेता चुनने पर विचार किया जा रहा है। राज्यसभा में पार्टी के 10 सांसद हैं।