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एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मिलेंगे शी और मोदी

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस सप्ताह बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जहाँ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस सप्ताह बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जहाँ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। यह भारत में आम चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद दोनों नेताओं के बीच होने वाली पहली बैठक होगी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने रविवार को यहां घोषणा की कि शी 12 से 16 जून तक किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान की राजकीय यात्रा करेंगे। 
एससीओ शिखर सम्मेलन किर्गिस्तान के बिश्केक में 13-14 जून को होने वाला है। एससीओ चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा ब्लॉक है। इस समूह में भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था। लू ने एक बयान में कहा कि 12 से 14 जून तक राष्ट्रपति शी किर्गिस्तान की राजकीय यात्रा पर जाएंगे और एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों नेता एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मिलेंगे। 
मिस्री ने वुहान में पिछले साल शी और मोदी के बीच हुई पहली अनौपचारिक सफल शिखर बैठक को याद किया जिसे द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर माना जाता है। मिस्री ने कहा, ‘‘यह ध्यान देने योग्य है हमारे नेता पिछले साल अलग-अलग बहुपक्षीय सम्मेलनों में चार बार मिले।’’ उन्होंने कहा कि वे बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर फिर से मिल रहे हैं। मोदी और शी के बीच 27-28 अप्रैल को वुहान में हुई बैठक को मोटे तौर पर द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का श्रेय दिया जाता है जिसमें डोकलाम में 73-दिन के गतिरोध के चलते खटास आ गई थी। डोकलाम में दोनों देशों के बीच गतिरोध चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा के करीब उस क्षेत्र में एक सड़क बनाने का प्रयास किये जाने के बाद आया था जिस पर 2017 में भूटान ने भी दावा किया था। 
वुहान शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को सुधारने के प्रयासों को आगे बढ़ाया जिसमें एक-दूसरे की सेनाओं के बीच संबंध शामिल हैं। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर राष्ट्रपति शी से मुलाकात की थी और दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपसी विश्वास और मित्रता बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की थी। शी ने पिछले महीने लोकसभा चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले प्रधानमंत्री मोदी को चुनाव जीतने की ‘‘शुभकामनाएं’’ दी थी। 
एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद चीन के राष्ट्रपति शी ताजिकिस्तान की यात्रा करेंगे। इस बीच सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को भारत की अपनी चार दिवसीय यात्रा समाप्त की और दोनों पक्षों ने परस्पर विश्वास बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी। यात्रा के दौरान सीपीसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ली शी ने भारत के नये विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की। ली सीपीसी सेंट्रल कमेटी की पॉलिटिकल ब्यूरो के सदस्य और पार्टी की गुआंगडोंग प्राविंशियल कमेटी के सेक्रेटरी भी हैं। 
संवाद समिति शिन्हुआ ने बताया कि ली ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में चीन..भारत के संबंधों में विकास की मजबूत गति दिखी है और उनकी यात्रा का उद्देश्य नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों को लागू करना, परस्पर विश्वास बढ़ाना और व्यावहारिक सहयोग को विस्तारित करना है। 

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