लुधियाना-अमृतसर : अगले 3 दिन सिख पंथ की उठक-पैठक के बीच अहम हो सकते है। शिरोमणि कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर आज सुबह अचानक श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह से मिलने सचिवालय पहुंचे। कुछ समय से शिरेामणि कमेटी समागमों में सिंह साहिब की देखी जा रही गैर हाजिरी और पंथक मामलों के प्रति शिरोमणि कमेटी से तालमेल की कमी के चलते चर्चा के पश्चात आज दोनों धार्मिक सिंख आगुओं के इस मिलन को 29 नवंबर को हो रही एसजीपीसी प्रधानगी चुनावों से पहले संबंधों में आई खटास को ठीक करने की कोशिश करार दिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार प्रो. बडूंगर बीती रात अमृतसर पहुंच गए थे और सुबह 10 बजे के करीब श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होने उपरांत श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंंचे और ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाकात की। चाहे इस मुलाकात के पूरा विवरण नही मिल सका परंतु श्री अकाल तख्त सचिवालय द्वारा इस मुलाकात की पुष्टि की गई है।
उन्होंने इसको सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात बताया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह, सचिव हरभजन सिंह मनावा, सुखदेव सिंह भूरा कोहना और प्रबंधक सुलखन सिंह भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि श्री अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदारों की 13 नवंबर को बुलाई गई बैठक से भी इस मुलाकात को जोड़ा जा रहा है। जत्थेदार और शिरोमणि कमेटी प्रधान ने संत रंजीत सिंह ढंढरिया वाले द्वारा अमृतसर में 14 और 15 नवंबर को हो रहे धार्मिक दीवान के बारे में भी चर्चा हुई।
हालांकि सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कमेटी प्रधान को कहा है कि इस संबंध में एक जांच कमेेटी गठित करके 12 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करें, ताकि 13 नवंबर को हो रही तख्तों के जत्थेदारों की बेठक में फैसला लिया जा सकें। उल्लेखनीय है कि कुछ पंथक संगठन, शिरोमणि कमेटी सदस्य, शिरोमणि अकाली दल और दमदमी टकसाल, संत समाज-ढंढरिया वाले के दीवान को रूकवाने के लिए जत्थेदार और प्रशासनिक पुलिस अधिकारियों तक पहुंच बना चुके है। उस पर भी विचार विमर्श होना है।
– सुनीलराय कामरेड