लुधियाना-अमृतसर , : शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक उच्च स्तरीय बनाए गए प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने आज पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह बदनौर के साथ मुलाकात करके सिक्किम स्थित श्री गुरूनानक देव जी से संबंधित इतिहासिक गुरूद्वारा साहिबान के अस्तित्व को बरकरार रखने समेत अन्य अहम सिख मामलों संबंधित उन्हें दो ज्ञापन सौंपे।
इन ज्ञापनों को सौंपने के पश्चात उन्होंने उनपर तुरंत कार्यवाही करने की मांग की। शिरोमणि कमेटी प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर द्वारा राज्यपाल श्री वीपी सिंह बदनौर को ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपप्रधान स. बलदेव सिंह कायमपुर, जूनियर उपप्रधान बाबा बूटा सिंह, सदस्य बीबी परमजीत कौर लांडरा, सचिव स. अवतार सिंह सैंपला और सचिव डॉ परमजीत सिंह सरोआ शामिल थे। सिक्किम के गुरूद्वारा साहिबान संबंधी वफद द्वारा राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में शिरोमणि कमेटी प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने गुरूद्वारा गुरू डांगमार और गुरूद्वारा चुंगथांरा के अस्तित्व खत्म करने की घिनौनी हरकत पर रोष प्रकट करते हुए इसकी सुरक्षा रखने का मामला उठाया।
प्रतिनिधि मंडल ने सिख इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने 1516 ईस्वी में अपनी तृतीय प्रचार यात्रा के दौरान सिक्किम में गए थे, जिनकी याद में गुरूद्वारा साहिबान बने हुए थे परंतु स्थानीय प्रशासन द्वारा पक्षपात करते हुए वहां के लामों द्वारा इसकी ऐतिहासिकता को चुनौती दी जा रही है, जोकि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वहां के लामों द्वारा स्थानीय प्रशासन की शह पर गुरूद्वारा साहिब में पावन श्री गुरू ग्रंथ साहिब समेत अन्य धाॢमक पवित्र वस्तुओं को बाहर निकालकर सड़क पर रख दिया गया था। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल से इस मामले को सिक्किम के राज्यपाल श्री निवास पाटिल के समक्ष उठाकर स्थानीय प्रशासन को तुरंत हल करवाने के निर्देश देने की मांग की।
एक अलग अन्य विज्ञापन के जरिए चार अहम मामले भी उठाए गए, जिनमें चंडीगढ़ स्थित गुरूद्वारा श्री कलगीधर निवास को लगाए गए जुर्माने और प्रापर्टी टैक्स की रकम वापिस करने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि कलगीधर निवासी की इस इमारत में गुरूद्वारा साहिब द्वारा फ्री धर्मशाला, लंगर और लाइब्रेरी के तौर पर उपयोग होती है। इसके लिए इसको टैक्स मुक्त किया जाएं।
– सुनीलराय कामरेड