शिवसेना के विनायक राउत और जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने दादरा एवं नगर हवेली से सात बार के सांसद मोहन डेलकर की कथित खुदकुशी का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाया तथा न्याय की मांग की। राउत ने यह भी कहा कि दादरा एवं नगर हवेली के उन अधिकारियों को निलंबित करने के साथ उनके खिलाफ फौजदारी की कार्रवाई की जानी चाहिए जिनके नाम का उल्लेख कथित आत्महत्या संबंधी नोट में हुआ है।
गौरतलब है कि दादरा एवं नगर हवेली से सात बार के लोकसभा सदस्य मोहन डेलकर 22 फरवरी को मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे। शिवसेना सांसद संजय राउत ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। उन्होंने कहा कि एक संसद सदस्य को दुर्भाग्य से खुदकुशी करनी पड़ी क्योंकि प्रशासन ने उनका जीना मुश्किल कर दिया है।
राउत ने दावा किया कि डेलकर ने आत्महत्या से पहले जो खत लिखा था कि उससे मालूम पड़ता है कि दादरा एवं नागर हवेली के सांसद को वहां के प्रशासन के अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था। शिवसेना नेता ने कहा कि तीन दशक तक संसद के सदस्य रहे एक व्यक्ति को खुदकुशी करनी पड़ी है।
इससे पहले डेलकर विशेषाधिकार समिति को पत्र दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि यह सब नहीं रुका तो उन्हें खुदकुशी करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, लेकिन केंद्र से आग्रह है कि मोहन देलकर की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ फौजदारी की कार्रवाही की जाए।
जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने भी शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया और कहा कि डेलकर ने मौत से पहले लिखे पत्र में कई अधिकारियों के बारे में उल्लेख किया है। जन प्रतिनिधि का अपमान निंदनीय है। हमारे सदन से एक कड़ा संदेश से जाना चाहिए और इस मामले में न्याय होना चाहिए।