शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अमित शाह पर साधा निशाना! याद दिलाया 2014 का घोषणा पत्र

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अमित शाह पर साधा निशाना!  याद दिलाया 2014 का घोषणा पत्र
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इस वक्त देश में एक मुद्दा काफी उभर कर सामने आ रहा है और वह मुद्दा है महिला आरक्षण कानून जिसको जल्द से जल्द लागू करने के लिए विपक्षीय गठबंधन भी काफी तैयारियों में जुट गई है जी हां वह सरकार से लगातार यह मांगे कर रही है कि चुनाव से पहले ही इसे लागू कर दिया जाए। लेकिन इस बीच यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला आरक्षण विधायक को लेकर अमित शाह पर कड़ा निशाना साधा है जिसको लेकर अभी देश में सियासी हलचल मची हुई है। जी हां यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार के दिन कहा की "पाखंडी था क्योंकि भाजपा की 2014 के घोषणा पत्र में एक विधेयक के लिए किया गया वादा लंबे समय से लंबित था संसद में पहले वादे को पूरा करने में 9 साल लग गए हैं। उनका कहना यह था कि साल 2014 में जो घोषणा पत्र में लिखा हुआ था उसको पूरा करने में सरकार ने 9 साल लगा दिए।

क्या कहा था केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने?

आपको बता दे की संसद में भारी मतों के साथ इस विधेयक को पास कर दिया जा चुका है जहां मीडिया से बात करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने अमित शाह पर लगातार निशाना साधा । बता दे कि बुधवार के दिन लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कड़ी बहस हो रही थी जिसके दौरान अमित शाह ने कहा था की जनगणना और परिसीमन अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद ही किया जाएगा उसके बाद ही महिला कोटा कानून भी लागू होगा। जिसको लेकर विपक्ष के कई लोगों ने अपनी आवाज उठाई उन्होंने कहा कि भले ही इस विधायक को लाने में 9 साल लग गए लेकिन यह सफल हुआ।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर कसा तंज

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले आम चुनाव के तुरंत बाद ही जनगणना और परिसीमन अभ्यास आयोजित किया जाएगा और महिलाओं को संसद में बड़ी आवाज़ मिलेगी। आपको बता दे की महिला कोटा विधेयक को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए चतुर्वेदी ने आगे कहा कि जनगणना जो 2021 से विलंबित है इस वर्ष भी होने की संभावना नहीं है मेरी समझ है की परीसीमन 2029 से पहले नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद कई चीजे बढ़ सकती है क्योंकि 2031 में नई जनगणना होने की उम्मीद है मैं केवल महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए विधेयक को एक गाजर के रूप में लटक रहे हैं महिलाएं उनकी चाल को समझ जाएंगे और उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में सबक भी सिखाएंगी।

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