मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने शुक्रवार को एमपी हाई कोर्ट के मुख्य जज रवि मलिमथ को पत्र लिखा। पत्र में उन्होने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के दो सदस्यों को लेकर मुख्य जज से माफी मांगी है। दरअसल ग्वालियर में एक बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए जबरन जज की कार की चाबी छीन लेने के आरोप में दो छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।
शिवराज सिंह ने पत्र में दोनों छात्रों की गलती के लिए माफी मांगी है। उन्होने पत्र में लिखा, 'चूंकि ये पवित्र कार्य के लिए किया गया एक अलग तरह का अपराध है और जीवन बचाने के लिए मानवीय आधार पर किया गया है, इसलिए ये माफ करने लायक है। हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा का इरादा अपराध का नहीं था इसलिए उनके भविष्य को देखते हुए उन्हे माफ कर दें।'
वहीं संबंधित मामले में न्यायधीश संजय गोयल ने दोनों की जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। उन्होने कहा था कोई व्यक्ति मदद विनम्रता से मांगता है, ताकत से नहीं। एंबुलेंस बीमार व्यक्ति को ले जाने के लिए मौके पर पहुंची थी।
सोमवार को पुलिस ने ABVP ग्वालियर के सचिव 22 वर्षीय हिमांशु श्रोत्रिय और उप सचिव 24 वर्षीय सुकृत शर्मा गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, छात्रों ने हार्ट अटैक से पीड़ित कुलपति रणजीत सिंह की जान बचाने के लिए ग्वालियर में रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी जज की कार की चाबी ड्राइवर से जबरन छीन ली थी। हालांकि अस्पताल पहुंचने में देरी होने पर कुलपति की जान नहीं बच पाई। कार छीनने के लिए छात्रों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज किया गया है। बुधवार को दोनों छात्रों की जमानत खारिज कर दी गई। दोनों छात्र फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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