येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से एमएफ हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछे गए सवाल कि इस पेंटिंग की खरीद को किससे जोड़ा गया था? राणा ने जवाब देते हुए बताया कि दिवंगत कांग्रेस नेता मुरली देवड़ा ने कहा था कि अगर राणा ने यह पेंटिंग नहीं खरीदी तो उनके कांग्रेस पार्टी से संबंध खराब हो सकते हैं और उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार मिलने की संभावना भी कम हो जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल न्यूयॉर्क में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इलाज के लिए किया जाएगा।
येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर ने किया बड़ा खुलासा
ईडी ने कपूर का हवाला देते हुए आरोप पत्र में कहा, “उन्होंने (मुरली देवड़ा) मुझे इस संबंध में कई मोबाइल नंबरों से कई कॉल और मैसेज भी किए थे। वास्तव में, मैं इस सौदे के लिए जाने के लिए बहुत अनिच्छुक था और मैंने भी उनके कॉल्स/मैसेज और पर्सनल मीटिंग्स को इस डील से बचने के लिए कई बार इग्नोर करने की कोशिश की थी।” इसके अलावा, राणा कपूर ने जोर देकर कहा कि उन्होंने ना चाहते हुए और अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ इस लेनदेन को आगे बढ़ाया क्योंकि वह देवरस के साथ-साथ गांधी परिवार के साथ किसी भी प्रकार की दुश्मनी को आमंत्रित नहीं करना चाहते थे।
जानें क्यों परिवार के खिलाफ जाकर राणा ने खरीदी पेंटिंग
यह आरोप लगाते हुए कि सौदे को बंद करने की औपचारिकताएं प्रियंका गांधी के कार्यालय में आयोजित की गईं, उन्होंने कथित तौर पर ईडी को बताया, “मिलिंद देवड़ा ने इस अंतिम समापन बैठक का सक्रिय रूप से समन्वय किया था। मैं यह बताना चाहता हूं कि इस सौदे के लिए, एचएसबीसी बैंक में मेरे व्यक्तिगत खाते के चेक के माध्यम से मैंने 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके अलावा, येस बैंक के सह-संस्थापक ने केंद्रीय एजेंसी को यह भी सूचित किया कि सोनिया गांधी के करीबी विश्वासपात्र और दिवंगत कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने बाद में उन्हें गांधी परिवार के लिए “अच्छे काम” करने यह आश्वासन दिलाया था कि पार्टी पद्म भूषण पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार करेगी।
2020 में हुई थी राणा कपूर की गिरफ्तारी
बता दें कि राणा कपूर को ईडी ने 30 घंटे की पूछताछ के बाद 8 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया था कि कपूर ने अपनी बेटियों की कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए येस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। एजेंसी के अनुसार, येस बैंक द्वारा 30,000 करोड़ रुपये के लोन दिए गए थे।