देश की सर्वोच्च अदालत, उच्चतम न्यायालय ने आज यानी बुधवार को एक अहम मामले में केंद्र सरकार को सख्ती दिखाते हुए कड़े लहजे में जवाब मांगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने देशद्रोह कानून को खत्म करने के लिए दायर याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस सप्ताह के अंत तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। विस्तृत सुनवाई के लिए मामले को 5 मई को सूचीबद्ध किया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की एक पीठ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए के तहत देशद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
एसजी ने रखा सरकार का पक्ष, कही ये बात
बता दें कि इससे पहले सभी याचिकाएं क्रमशः सेवानिवृत्त सेना मेजर-जनरल एसजी वोम्बटकेरे और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई थीं। तो वहीं, इस मामले में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र का जवाबी हलफनामा तैयार है और दो दिनों के भीतर दायर किया जा सकता है। केंद्र को इस सप्ताह के अंत तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के बाद पीठ ने मामले को अंतिम निपटान के लिए 5 मई को पोस्ट कर दिया। हलफनामे का जवाब अगले मंगलवार तक दाखिल किया जाना है।