देश में हिजाब, लाउडस्पीकर, बुलडोजर कार्रवाई आदि कई मुद्दों पर विवाद जारी है, इसी कड़ी में अब भाषा को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। हिंदी के राष्ट्रभाषा होने के बारे में बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप के बीच ट्विटर पर बहस छिड़ गई, अब इस बहस में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हिस्सा लेते हुए कहा कि हिंदी कभी भी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं होगी। सिद्धारमैया ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा कभी नहीं थी और कभी नहीं होगी। हमारे देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। प्रत्येक भाषा का अपना समृद्ध इतिहास है, जिस पर लोगों को गर्व होना चाहिए। मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है!”
जानें कैसे मिली भाषा विवाद को इतनी हवा
पिछले हफ्ते एक फिल्म लॉन्च में जब उनसे पूछा गया कि वह कन्नड़ फिल्म “केजीएफ: चैप्टर 2” की ऑल इंडिया में रिकॉर्ड तोड़ सफलता को कैसे देखते हैं, सुदीप ने कहा था, “हिंदी अब हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है।” बता दें कि 14 अप्रैल को रिलीज होने के बाद से अकेले केजीएफ के हिंदी डब ने 336 करोड़ रुपये कमाए हैं, जबकि फिल्म ने दुनिया भर में 850 करोड़ रुपये कमाए हैं। कन्नड़ में मीडिया को संबोधित करते हुए, सुदीप ने कहा था, “हिंदी फिल्म निर्माताओं को कहना चाहिए कि वे ऑल इंडिया फिल्में बना रहे हैं। वे उन (बॉलीवुड) फिल्मों को तमिल और तेलुगु में डब कर रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं। वे सक्षम नहीं हैं। आज हम सिर्फ ऐसी फिल्में बनाते हैं जो हर जगह पहुंचती हैं।”
अजय देवगन ने साधा किच्चा सुदीप पर निशाना
सुदीप को जवाब देते हुए, अजय देवगन ने कर्नाटक के अभिनेता को ट्विटर पर टैग किया और लिखा, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज करते हैं?” देवगन ने हिंदी लिपि देवनागरी में लिखा। अजय देवगन ने अपने ट्वीट में कहा, “हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।”
सुदीप ने ट्वीट कर दी सफाई, जानें क्या कहा
‘दबंग 3’, ‘फूंक’ और ‘रण’ जैसी हिंदी फिल्मों में काम कर चुके सुदीप ने कहा कि वह ‘किसी कि भावना को चोट पहुंचाना, भड़काना या कोई बहस शुरू नहीं करना चाहते’। सर जिस कॉन्टेक्स्ट में मैंने वह बात कही, मुझे लगता है कि मेरी उस बात को बहुत अलग तरीके से पेश किया गया है। शायद मैं अपनी बात को बेहतर ढंग से आपके सामने तभी रख सकता हूं, जब मैं आपसे मिलूंगा। मेरा कहने का मतलब यह नहीं था कि मैं किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाऊं, भड़काऊं या फिर किसी विवाद को बढ़ावा दूं। मैं ऐसा क्यों करूंगा सर। इसके बाद भी दोनों ने एक दूसरे को कई ट्वीट किए और इस मामले को यहीं खत्म करने की बात कही थी।
अमित शाह ने हिंदी को बताया था अंग्रेजी का विकल्प
बताते चलें कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए न कि स्थानीय भाषाओं के लिए। दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा में है और इससे निश्चित रूप से हिंदी का महत्व बढ़ेगा। दिग्गज संगीतकार ए आर रहमान, जिनकी मातृभाषा तमिल है, उन्होंने भी अमित शाह की टिप्पणी पर तंज कसते हुए कहा था, “तमिल संपर्क भाषा है।”