लुधियाना-अमृतसर-बठिण्डा : साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा घोषित होते ही डेरा समर्थकों में काफी निराशा पाई जा रही है, जहां एक तरफ ‘ धन्य-धन्य सतगुरू तेरा ही आसरा ‘ कहते हुए डेरा प्रेमी गुरमीत राम रहीम का गुनगान करते थकते नहीं थे वही सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दुष्कर्मी घोषित होते ही लोगों ने डेरा से अपना नाता तोडऩा शुरू कर दिया है। जानकारी अनुसार पिछले 2 दिनों के अंतराल में कई दर्जन डेरा प्रेमियों ने दुनियावी साध का साथ छोड़ते हुए सिख धर्म में गुरू घर की वापिसी करनी शुरू कर दी है। गुरू की नगरी अमृतसर में अजनाला के गांव काजमपुर के 5 परिवारों के 21 सदस्यों ने आज डेरा सच्चा सौदा त्यागकर सिख धर्म में जहां वापिसी कर ली। यह परिवार गुरमीत राम रहीम को जहां पिछले 15 सालों से भगवान का दर्जा देकर सिरसा स्थित डेरे में आया -जाया करते थे वही अब डेरा मुखी के पोस्टरों और डेरे के प्रबंधकों द्वारा दिए गए सुरक्षा कवच रूपी लॉकट व जामे-इंसा को जमीं खोदकर मिटटी में दफनाने लगे है ।
जानकारी अनुसार सौदा के इस ढोंग से निकलकर जहां ग्रामीण वासी बहुत खुश दिखाई दिए वही गांव के गुरूद्वारा साहिब में इकटठे होकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज के आगे शीश नवाया और वाहे-गुरू का नाम सिमरन करते हुए अरदास दौरान अपनी भूले बख्शाई। गुरूद्वारा के प्रबंधकों ने भी उन्हें सिरौपा डालकर सिख कौम में शामिल किए जाने की घोषणा कर दी। दरअसल राम रहीम को दुष्कर्मी घोषित किए जाने उपरांत श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने डेरा प्रेमियों को सिख पंथ में वापिसी का आहवाहन किया था, जिससे डेरा प्रेमियों में सिख पंथ के प्रति आस्था भाव जागा।
उधर मालवा के गढ़ बठिण्डा, मलौट में भी डेरा समर्थक काफी निराश है और उन्होंने भी अब गुरमीत राम रहीम समेत डेरे वालों का साथ छोडऩा शुरू कर दिया है। सरहंद नहर की बठिण्डा ब्रांच में बीती शाम गुरमीत राम रहीम और शाह सतनाम की तस्वीरे पानी में बहती हुई प्राप्त हुई। यह समस्त निशानियां डैन में आकर फंस गई थी जिन्हें सिंचाई विभाग के कर्मियों ने बाहर निकाल कर जमीं पर एकतरफ रख दिया। जानकारी अनुसार यह तस्वीरें अभी तक वही एक तरफ पड़ी हुई है। डेरा समर्थकों अनुसार जिन लोगों ने सतगुरू की तस्वीरे पानी में फेकी है वह दोगले चरित्र वाले लोग है। हालांकि डरा समर्थकों का दावा है कि भविष्य में डेरा की गतिविधियां उसी प्रकार चलती रहेंगी, जैसे कभी चला करती थी।
बहरहाल सिख धर्म में वापिसी करने वाले अजनाला के सुखविंद्र सिंह ने कहा कि लोग गुरमीत राम रहीम को भगवान की तरह पूजते थे और उनकी हर सही और गलत बात को बिना सोचे-समझे स्वीकार करते थे। सच से पर्दा उठा तो मालूम हुआ यह शख्स भगवान नही बल्कि शैतान है। उन्होंने कहा कि उन्हें आज शर्मिंदगी है और उनकी आत्मा उन्हें दुत्कारती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस शख्स का 24सौ घंटे गुनगान किया वह मासूम बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। उन्होंने कहा कि वह अब परिवार समेत सिख पंथ में वापिस आ गए है और सच्चे मन से गुरू ग्रंथ साहिब जी के आगे अरदास करेंगे।
मालवा के इलाका बठिण्डा स्थित सलामतपुरा डेरे समेत पंजाब के 92 के करीब डेरे सुनसान पड़े है। इक्का-दुक्का प्रबंधक और कर्मचारियों के अलावा वहां पंजाब पुलिस और सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी से खड़े दिखाई देते है।
– सुनीलराय कामरेड