लुधियाना : जाको राखे साईयां मार सकें ना कोए, कहावत की पंक्तियां उस वक्त सही साबित हुई जब एक सिख नौजवान ने सिर पर बंधी दस्तार की शोभा बढ़ाते हुए सिधवां नहर में डूब रही महिला को बाहर निकालकर बचा लिया। इस जिंदा मिसाल की चर्चा हर जुबां पर है। यह बात सोलह आने सच है कि सिखों के लिए दस्तार जिंदजान से प्यारी होती है परंतु यह भी सच है कि डूबते हुए को तिनके के सहारे की भांति यह पगड़ी सहारा बन जाएं तो बचने वाले और उसके परिवार के लिए यह दुआओं का सबब बन जाता है।
जानकारी अनुसार लुधियाना के बीआरएस नगर इलाके के नजदीक स्थित सिधवां नहर के नाम से जाने जानी वाली एक नहर में पूजा की सामग्री को जल प्रवाह करने आई एक 45 वर्षीय महिला अचानक डूबने लगी तो वहां पर खडे एक व्यक्ति ने उसे देख लिया मगर खुद तैरना न आने की वजह से उसने वहीँ से गुजर रहे एक अन्य सिख नौजवान से मदद की गुहार की।
सिख नौजवान ने भी समय की नजाकत और मानव धर्म का परिचय देते हुए यकायक अपनी पवित्र पगडी की परवाह किये बगैर सिर से उतारकर डूब रही महिला की तरफ फेंक दिया। दूसरे प्रयास में ही डूब रही महिला ने अचानक उस पगड़ी को थामा और फिर अगले ही पल उसे बाहर निकाल लिया गया। बहरहाल डूब रही महिला ने बताया कि वह राजगुरू नगर की रहने वाली है और पूजा पाठ की सामग्री को जल प्रवाह करने के इरादे से अपनी बेटी के साथ पहुंची थी, अचानक जल प्रवाह करते वक्त उसका पैसों से भरा पर्स पानी में गिर गया , जिसे पकडऩे के चक्कर में उसका पंाव फिसला और वह धड़ाम से नहर में जा गिरी।
अचानक सामने आई साक्षात मौत को देखकर वह घबरा उठी किंतु अगले ही पल रब्ब की कृपा से सिख युवक ने पगड़ी द्वारा उसकी जान बचा दी। बहरहाल महिला और उसके संगे-सबंधियों व राहगिरियों ने सिख युवक को जुग-जुग जिओ की दुआएं देकर अरदास की।
– सुनीलराय कामरेड