पटना : तेजस्वी यादव की मीसा, रागिनी, चंदा आदि आधे दर्जन बहनों की तरह रेखा मेरी कोई सगी बहन नहीं है, बल्कि मेरी दो दर्जन ममेरी, फुफेरी, चचेरी बहनों में से एक हैं। रेखा कहां रहती हैं, वर्तमान में क्या व्यापार करती है उससे न तो मेरे परिवार का दूर-दूर तक कोई संबंध है और न मैंने आपकी तरह कभी कोई व्यापार किया जिसमें वह मेरे साथ है। आप (तेजस्वी यादव) तो अपनी बहनों के साथ आधे दर्जन से अधिक कम्पनियों में साझीदार और भ्रष्टाचारजनित बेनामी कारोबार में शामिल हैं। सीबीआई या कोई अन्य एजेंसी किसी भी तरह की कार्रवाई करती है तो मैं लालू यादव की तरह किसी को संरक्षण देने या बचाने वाला नहीं हूं। जांच एजेंसी, पुलिस अपनी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।
2003 से सृजन घोटाला शुरू हुआ तब सूबे की मुख्यमंत्री और लम्बे समय तक वित मंत्री राबड़ी देवी थीं। उन्हीं के कार्यकाल में सृजन के खातों में सरकारी धन जमा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया। नवम्बर 2015 से जुलाई 2017 तक राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी वित मंत्री रहे। 12 वर्षों तक मुख्य विपक्षी दल होने के नाते और फिर 20 महीने तक सरकार में रहने के दौरान राजद ने इस मामले को उजागर क्यों नहीं किया?
नोटबंदी के बाद मामला उजागर होते ही सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई की टीम को हेलीकाॅप्टर से भागलपुर भेजा और लालू यादव की मांग पर ही अविलम्ब सृजन घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई मामले की जांच कर रही है,जो दोषी होगा उसके खिलाफ निष्चित कठोर कार्रवाई होगी। चाहे कोई सगा ही क्यों न हो, मैं लालू यादव नहीं हूं कि अपराध या भ्रष्टाचार में संलिप्त अपने परिवार के किसी को बचाने की हद तक जाऊंगा।