रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांच दिवसीय अमेरिकी दौरा खत्म करने से पहले शनिवार को हवाई में रणनीतिक हिंद-प्रशांत कमान का दौरा किया जबकि अमेरिका के एक प्रमुख कमांडर ने कहा कि भारत और अमेरिका रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के वैश्विक साझेदार हैं। सीतारमण ने अपने अमेरिकी दौरे को ‘‘द्विपक्षीय रक्षा सहयोग प्रगाढ़ करने’’ के अपने प्रयासों का हिस्सा बताया।
सीतारमण ने रेखांकित किया कि बीते दशक में रक्षा क्षेत्र में भारत-अमेरिका के रिश्तों के रणनीतिक साझेदारी के आयाम ग्रहण कर लिए हैं। दोनों देशों ने खासी प्रगति की है। सीतारमण ने हवाई के दौरे के साथ अपने अमेरिका दौरे का समापन किया। इस मुख्यालय को हाल ही में अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान का नाम दिया गया है।
अमेरिका एशिया-प्रशांत को अब हिंद-प्रशांत कहता है। उसने अपनी प्रशांत कमान का नाम बदलकर हिंद-प्रशांत कमान या इंडोपैकम कर दिया है।
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अमेरिकी इंडोपैकोम कमांडर एडमिरल फिल डेविडसन, ‘‘हमारे दो लोकतांत्रिक राष्ट्र नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बरकरार रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं जिसने दशकों तक शांति, स्थायित्व और समृद्धि लाई। हम रक्षा और सुरक्षा को लेकर वैश्विक साझेदार हैं और यह स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने के लिये हमारे परस्पर सहयोग को दर्शाता है।’’
सीतारमण के दौरे के समापन पर यूएस इंडोपैकोम ने कहा कि यह साझेदारी अमेरिका-भारत सुरक्षा संबंधों और दोनों देशों द्वारा रक्षा सहयोग के क्षेत्र में बढ़ते रणनीतिक महत्व को प्रदर्शित करता है।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परस्पर समन्वय और सहयोग की गुंजाइश में इजाफा का सिलसिला जारी है। भारतीय और अमेरिकी वायुसेना अभी पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा और पानागढ़ हवाई ठिकानों पर 12 दिन के सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं जिसका उद्देश्य अभियान के दौरान समन्वय बढ़ाना है।
पेंटागन में सोमवार को अपने अमेरिकी समकक्ष से मुलाकात के दौरान सीतारमण ने कहा कि हाल में हुईं उच्च स्तरीय मुलाकात इस बात का संकेत हैं कि द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों के साथ ‘‘हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और हमारी परस्पर इच्छा’’ में गहराई और गुणवत्ता है।
एफ-16 की उत्पादन इकाई को भारत स्थानांतरित करने या सशस्त्र ड्रोन के सौदों को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन उच्च स्तरीय बातचीत के जानकारों ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत की जरूरतों और अकांक्षाओं को पूरा करने के लिये ‘‘अमेरिका आगे की तरफ बढ़ रहा है’’ और ऐसे कदम उठा रहा है जो रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेंगे।
पिछले एक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के कई नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने सिंगापुर में अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात की थी।
इसके अलावा उन्होंने हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन से इस इतर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ त्रिपक्षीय वार्ता की थी। वहीं, इसी साल गर्मियों के दौरान अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। रक्षामंत्री के रूप में पहली अमेरिका यात्रा के दौरान सीतारमण का भव्य स्वागत किया गया।