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सीतारमण का नया प्रोत्साहन पैकेज, लघु-मझौल उद्यमों को और डेढ़ लाख करोड़ रुपये के सस्ते कर्ज की सुविधा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोरोना वायरस से आहत अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये लघु और मझौले उद्योगों को सरकारी गारंटी पर 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराने,

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोरोना वायरस से आहत अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये लघु और मझौले उद्योगों को सरकारी गारंटी पर 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त कोष देने, पर्यटन एजेंसियों और टूरिस्ट गाइडों को कर्ज तथा पांच लाख विदेशी पर्यटकों को शुल्क मुक्त वीजा जैसे उपायों की घोषणा की।
पूर्व में घोषित मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत नवंबर तक मुफ्त अनाज दिये जाने पर 93,869 करोड़ रुपये और उर्वरक पर 14,775 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सब्सिडी खर्च सहित कुल मिलाकर अतिरिक्त 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई।प्रोत्साहन पैकेज में ज्यादातर कोविड-प्रभावित क्षेत्रों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिये बैंकों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को सरकारी गारंटी देने का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राहत पैकेज की घोषणा की। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।सीतारमण ने कोरोना वायरस की लहर से बच्चों के प्रभावित होने की संभावित आपात स्थिति से निपटने की खातिर अस्पतालों में जरूरी तैयारियों के लिये 23,220 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की।
संगठित क्षेत्र में नयी भर्तियों के प्रोत्साहन के लिये पिछले साल अक्टूबर में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की समयसीमा को मार्च 2022 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। इसके तहत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि के अंशदान में मदद करती है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नये प्रोत्साहन उपायों से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी।
वित्त मंत्री ने कोविड महामारी से दबाव में आये स्वास्थ्य ढांचा सहित अन्य क्षेत्रों के लिये एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये की रिण गारंटी योजना की घोषणा की। वहीं पिछले साल मई में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई आपात रिण गारंटी योजना का आकार 1.50 लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर 4.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस योजना के तहत गारंटी और रिण सीमा को मौजूदा बकाये के 20 प्रतिशत के स्तर से आगे बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
महामारी से सर्वाधिक प्रभावित पर्यटन क्षेत्र के मामले में वित्त मंत्री ने पर्यटक एजेंसियों के लिये दस लाख रुपये और पर्यटक गाइड के लिये एक लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की जिसपर प्रसंस्करण शुल्क नहीं लिया जायेगा। कोई पूर्वभुगतान शुल्क नहीं होगा और अतिरिक्त गारंटी देने की भी आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही यात्रा प्रतिबंधों के समाप्त होने के बाद भारत आने वाले पहले पांच लाख यात्रियों को एक महीने का शुल्क मुक्त वीजा दिया जायेगा।
वित्त मंत्री द्वारा की गई अन्य घोषणाओं में सभी ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 19,041 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे। बड़े स्तर की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण योजना के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को एक साल के लिये विस्तार दिया गया है।सामानों के निर्यात पर 88,000 करोड़ रुपये के बीमा कवर को बढ़ावा देने के लिये निर्यात रिण गारंटी निगम (ईसीजीसी) में पांच साल के दौरान और शेयर पूंजी डाली जायेगी।
वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान के लिये इस नये प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा ऐसे समय की है जब इस वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल और मई माह के दौरान कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने आम आदमी के साथ साथ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को झकझोर कर रख दिया है। अब महामारी से संक्रमण की दर कम होने और विभिन्न राज्यों में प्रतिबंधों में ढील दिये जाने पर इन उपायों की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में अब तक 2.73 लाख करोड रुपये के कर्ज स्वीकृत किये गये जिसमें से 2.10 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों, 25 निजी क्षेत्र के बैंकों और 31 गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने कर्ज उपलब्ध कराया है। योजना के तहत अब कुल रिण गारंटी सीमा को मौजूदा तीन लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। योजना के तहत छोटे कारोबारियों और योजना के दायरे में आने वाले क्षेत्रों को गारंटी मुक्त कर्ज देने का प्रावधान है। किसी भी डिफाल्ट के लिये सरकार की गारंटी होगी।
कोविड- प्रभावित क्षेत्रों के लिये 1,10,000 करोड़ रुपये की एक और रिण गारंटी योजना की घोषणा की गई। इसमें 50,000 करोड़ रुपये की रिण गारंटी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये होगी। इसमें 100 करोड़ रुपये तक का एक कर्ज हो सकता है जो कि तीन साल की अवधि का होगा और इस पर 7.95 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। शेष 60,000 करोड़ रुपये की रिण गारंटी अन्य क्षेत्रों के लिये होगी जिसमें पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र आ सकता है उस पर 8.25 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज लिया जायेगा।
वित्त मंत्री ने छोटे कर्ज के लिये सूक्ष्म वित्त संस्थानों के जरिये प्रति लेनदार 1.25 लाख रुपये तक के कर्ज के लिये बैंकों को रिण गारंटी देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 25 लाख छोटे ग्राहकों को कर्ज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये सरकार ने बैंकों से कर्ज की सीमांत लागत (एमसीएलआर) दर से दो प्रतिशत अधिक की ब्याज दर तय की है। योजना के तहत बैंक एनबीएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को कर्ज उपलब्ध करायेंगे जिसे आगे छोटे लेनदारों को दिया जायेगा। योजना पर चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने से 7,500 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है।
कृषि क्षेत्र में सरकार ने किसानों को उर्वरकों की सस्ते दाम पर उपलब्धता बनाये रखने के लिये इस साल के बजट में आवंटित 42,275 करोड़ रुपये के ऊपर 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसमें डाय-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) के लिये 9,125 करोड़ रुपये और एनपीके के लिये 5,650 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी शामिल है।
वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि रिण गारंटी का उद्देश्य बैंकों को उद्यमों को कर्ज देने के लिये प्रोत्साहित करना है ताकि उन्हें सस्ती दर पर कर्ज मिल सके। सोमवार को जिन उपायों की घोषणा की गई है वह लघु, मध्यम और बड़े उद्यमों के हाथ में पैसा आये यह सुनिश्चित करने के लिये हैं।इससे पहले रिजर्व बैंक ने भी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिये रिण उपलब्ध कराने के उपायों की घोषणा की थी। रिजर्व बैंक ने स्वास्थ्य सेवाओं और टीका विनिर्माता कंपनियों को कर्ज उपलब्ध कराने के वास्ते बैंकों को 50,000 करोड़ रुपये की विशेष खिड़की सुविधा उपलब्ध कराई थी।
प्रधानमंत्री गरीब कलयाण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 80 करोड़ लोगों को इस साल नवंबर तक मुफ्त अनाज दिया जायेगा। योजना पर इस साल 93,869 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जबकि पिछले साल और इस साल योजना से कुल मिलाकर 2,27,841 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा। योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज प्रतिमाह मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है।वित्त मंत्री ने कहा कि चालू रबी विपणन मौसम 2021-22 में गेहूं की रिकार्ड 432 लाख टन खरीद हुई है। इसके साथ ही किसानों को डीएपी और कम्पलैक्स रासायनिक खाद बिना दाम बढाये पुरानी दरों पर उपलब्ध कराने के लिये 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जायेगी।
ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि इस पैकेज का मुख्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, बिजली और अन्य ढांचागत परियोजनाओं के लिये रियायती दर पर कर्ज देकर रिण उठाव में आती सुस्ती को दूर करना है। केन्द्र ने जिन उपायों की घोषणा की है उनमें 93,689 करोड़ रुपये मुफ्त खाद्यान्न वितरण पर अतिरिक्त खर्च होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये (23,220 करोड़ रुपये के खर्च में केन्द्र का हिस्सा), ग्राम पंचायतों में ब्रांडबैंड संपर्क के लिये 9,520 करोड़ रुपये (19,041 करोड़ रुपय्रे दो साल के लिये) खर्च होंगे। यह कुल मिलाकर 1,18,390 करोड़ रुपये बैठता है जो कि 2021- 22 की अनुमानित जीडीपी का 0.5 प्रतिशत है।
जेएलएल में शोध प्रमुख और मुख्य अर्थशास्त्री समांतक दास ने कहा कि ये उपाय अर्थव्यवसथा को आगे बढ़ाने के लिये उपयुक्त समय पर घोषित किये गये हैं। वहीं इक्रा की मुख्य अर्थशासत्री आदिति नायर ने कहा कि महामारी प्रभावित क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिये इन उपायों की घोषणा की गई है। इसमें कुछ नई योजनायें, कुछ पुरानी योजनाओं का विस्तार और हाल की घोषणाओं को दोहराया गया है।

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