देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Smriti Irani on Congress: भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के गठबंधन पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को पूछा है कि क्या सत्ता के लालच में कांग्रेस आरक्षण के विरोध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और अलगाववाद के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे का समर्थन करती है?
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने सत्ता के लालच में गठबंधन किया है। उन्होंने कहा, नेशनल कांफ्रेंस ने यह घोषणा की है कि वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा वापस लाकर जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ देश भर में अशांति का माहौल लाने का दुस्साहस करेगी। क्या कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस के इशारे पर अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारत ने और भारतीयों ने अपने राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक 'एक निशान, एक विधान और एक प्रधान' रहेगा। क्या नेशनल कांफ्रेंस के चलते कांग्रेस पार्टी 'अलग झंडे' के वादे का समर्थन करती है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि कांग्रेस बताए कि क्या वह देश को तोड़ने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है? उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के जरिए कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है ?
स्मृति ईरानी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पूछे गए 10 सवालों को दोहराते हुए कांग्रेस से इन सवालों का जवाब देने की भी मांग की। जम्मू-कश्मीर में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि यह भाजपा का संकल्प था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जाए। अनुच्छेद 370 पर भाजपा ने कभी भी समझौता नहीं किया। भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 हटाएंगे और हमने ऐसा किया भी। वहीं, उन्होंने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या को लेकर ममता बनर्जी सरकार की भी जमकर आलोचना की।