बीते गुरूवार पुलमावा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के पार्थिव शरीर को एक-एक करके उनके परिवार वालो तक पहुंचाया गया। ऐसे में जब शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर घर तक पहुंच गए तो ये ये नजारा देख किसी भी इंसान की आंखो में आंसू आ जाए। 14 फरवरी के दिन पुलमावा आतंकी हमले में यूपी के कानपुर देहात के शहीद श्याम बाबू का पार्थिव शरीर लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उनके गांव नोनारी पहंची। शहीद श्याम बाब के पार्थिव शरीर को देखकर पत्नी रूबी तड़प-तड़प कर रोने लगी।
अंतिम बार देखना चाहती थी पति का चेहरा…
बीते शनिवार को जब श्माय बाबू के पार्थिव शरीर को उनके घर लाया गया तो पूरे गांव के लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। इस दौरान उनकी पत्नी की सबसे बुरी हालात हो रही थी। श्याम बाबू की पत्नी ने बार-बार ज़िद कि उन्हें अपने पति का चेहरा बस एक बार दिखा दो। लेकिन तिरंगे में लिपटे ताबूत को नहीं खोला गया क्योंकि ब्लास्ट की वजह से श्याम बाबू का पर्थुव शरीर अच्छी हालत में नहीं था। ऐसे में उनकी पत्नी बिलख-बिलख कर रोते-राते केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बांहो में गिर पड़ी।
शहीद की पत्नी रोते हुए कह रही थी कि उन्होंने मेर से वापस जल्दी आने का वादा किया था लेकिन ये नहीं सोचा था कि इस हालमें वापस आएंगे। जब आखरी बार उनसे विदा ली तो नहीं पता था कि उनका चेहरा आखिरी बार देख रही हूं।
बता दें कि श्याम बाबू की शहादत की खबर के बाद से ही पूरे गांव में दो दिन तक चूल्हा नहीं जला है। पूरे नोनारी गांव में मातम का माहोल है। श्याम बाबू अपने घर के बड़े बेटे थे उनके पिता राम प्रसाद एक किसान हैं।श्याम बाबू के जाने का दुख तो उनके परिवार को है ही लेकिन उनकी शहादत पर गर्व भी है। 6 साल पहले श्याम बाबू की शादी रूबी से हुई थी उनका एक 4 साल का बेटा है और 6 महीने की एक बेटी भी है।
शहीद श्याम बाबू की पत्नी को रोता देख स्मृति ईरानी ने रूबी को गले लगा लिया। वह स्मृति ईरानी से लिपट कर रोने लगी। वहीं शहीद की पत्नी की वेदना देखकर स्मृति ईरानी की आंखो में भी आंसू आ गए। बता दें कि शहीद श्याम बाबू की बड़े भाई कमलेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। उन्होंने आश्वासन भी दिलाया कि जवानों की शहादत किसी भी हालात में बेकार नहीं जाएगी उनका बदल जरूर लिया जाएगा।