सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं लता दीदी जैसी आत्माएं, मोदी बोले- उनका निधन 'अपूरणीय क्षति' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं लता दीदी जैसी आत्माएं, मोदी बोले- उनका निधन ‘अपूरणीय क्षति’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लता जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं और उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुर कोकिला ‘भारत रत्न’ गायिका लता मंगेशकर के निधन पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लता जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं और उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। मोदी ने मथुरा, बुलंदशहर और आगरा के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित ‘जन चौपाल’ के दौरान अपने वर्चुअल सम्बोधन की शुरुआत लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा लता दीदी आज ब्रह्मलोक की यात्रा पर चली गई हैं। 
पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनके व्यक्तित्व का विस्तार सिर्फ गानों की संख्या पर सीमित नहीं था। मेरे जैसे अनेक लोग हैं जो गर्व से कहेंगे कि लता दीदी के साथ उनका निकट संबंध था। जीवन के हर क्षेत्र के लोग हमें लता दीदी के प्रति अपना स्नेह जताते हुए हर पल मिलेंगे। इससे पता चलता है कि लता दीदी के व्यक्तित्व की विशालता कितनी बड़ी थी।
मानवता को सदियों में वरदान की तरह मिलती हैं लता जी जैसी आत्माएं 
उन्होंने कहा, ”लता दीदी अपने संबंधों को संवेदना से सिंचित करती थीं। आज पूरा देश दुखी है। लता जी जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं। भारत की जो पहचान उन्होंने बनाई, भारत के संगीत पर जो स्वर दिया उससे दुनिया को भारत को देखने का एक नया नजरिया मिला। आप दुनिया में कहीं भी जाइए, भारत रत्न लता जी के चाहने वाले आपको जरूर मिलेंगे और हर पीढ़ी में मिलेंगे। वह आज भौतिक रूप से हमारे बीच भले ही ना हों लेकिन स्वर और स्नेह के रूप में वह हमारे बीच हमेशा उपस्थित रहेंगी।”
मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता :पीएम मोदी 
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में कहा, ”लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा। फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं।”
मोदी ने कहा, ‘‘मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा हुआ है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी।’’
पीएम मोदी को लता दीदी से हमेशा मिला बहुत स्नेह 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला। मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा। मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। ओम शांति।’’स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। 
उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36 भारतीय भाषाओं में लगभग 25,000 गीत गाए। उन्होंने ‘लग जा गले’, ‘मोहे पनघट पे’, ‘चलते चलते’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अजीब दास्तां है’, ‘होठों में ऐसी बात’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘पानी पानी रे’ जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया।
लता मंगेशकर को ‘भारत रत्न’ से किया गया था सम्मानित 
भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई बार भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें वर्ष 2001 में देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।