कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को जीएसटी, नीट और जेईई परीक्षा मुद्दे को लेकर सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले बुलाई गई इस बैठक में सोनिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह वास्तव में एक झटका है। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीट और जेईई मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का सुझाव दिया।
सोनिया ने बैठक में कहा, ‘‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया। इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया। गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है।’’
NEET और JEE परीक्षा मुद्दे को लेकर सोनिया गांधी की बैठक, ममता ने मुख्यमंत्रियों को दिया ये सुझाव
सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा कर रही है और राज्यों के साथ मुनाफा साझा नहीं किया जा रहा है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए। यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है।’’ बता दें कि जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त यानी गुरुवार को होनी है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के 5 साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है।