कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा है कि वे अब राजनीति से रिटायर हो जायेंगी आपको बता दे कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हुए राहुल गांधी की ताजपोशी शनिवार को होगी। इसके ठीक पहले पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इशारों में कहा है कि वो राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद राजनीति से रिटायरमेंट ले लेंगी। सोनिया गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में आज आखिरी दिन है।
संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ हो चुका होगा। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में दो दिन शेष रह जाएंगे। दोनों के बीच में 16 दिसंबर को राहुल गांधी अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे।
आपको बता दें कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक की लिस्ट में होने के बावजूद सोनिया गांधी ने गुजरात-हिमाचल विधानसभा चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं थी। इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी प्रचार नहीं किया था। दोनों ही चुनावों में राहुल काफी सक्रिय थे और उन्होंने प्रचार अभियान के दौरान अपनी छवि में काफी सुधार किया है।
साल 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी का कार्यकाल बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सबसे लंबा रहा है। राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी से शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। तीन बार सांसद चुने गए 47 वर्षीय राहुल गांधी एक सौ तीस साल से ज्यादा पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस की कमान थामने वाले नेहरू-गांधी परिवार के सातवें वारिस होंगे। सबसे पहले इस परिवार से कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले मोतीलाल नेहरू थे। उनके पुत्र जवाहरलाल नेहरू एक से अधिक बार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुए ही इंदिरा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनी थी। उन्होंने भी एक से अधिक बार कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला। उनके बाद राजीव गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने। वर्ष 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी का कार्यकाल बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सबसे लंबा रहा है।
बता दे कि , सोनिया गांधी उत्तरप्रदेश की रायबरेली सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करती हैं जहां से परंपरागत रूप से उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य चुनाव लड़ता जा रहा है। सोनिया के रिटायर होने के आज के बयान से यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या वे सिर्फ अध्यक्ष पद से रिटायर हो रही हैं या फिर संसदीय राजनीति से भी रिटायर हो जायेंगी। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी तो बड़ा सवाल यह है कि उनकी सीट से कौन चुनाव लड़ेगा। राजनीतिक हलकों में एक चर्चा है कि यहां से राहुल गांधी अगली बार चुनाव लड़ सकते हैं और अमेठी से प्रियंका गांधी या परिवार का कोई और सदस्य चुनाव लड़ सकता है।
वही , गुजरात के नतीजे भी राहुल गांधी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है जहां सभी एग्जिट पोल में ये साफ हो गया है कि गुजरात में बीजेपी की सरकार बनेगी तो हिमाचल की सत्ता भी कांग्रेस के साथ से फिसल जाने का अनुमान जताया गया है। अब अगर नतीजे भी यहीं रहे तो कांग्रेस ने नव निर्वाचित अध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां सामने हैं।
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