संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मंगलवार को रायबरेली की रेल कोच फैक्टरी के कंपनीकरण का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनियों को संकट में डालने का आरोप लगाया।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने रेलवे की छह उत्पादक इकाइयों का कंपनीकरण करने का फैसला किया है। इसमें रायबरेली की मॉडर्न रेल कोच फैक्टरी भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनीकरण निजीकरण की शुरुआत होती है। यह देश की अमूल्य संपत्ति कोड़ियो के भाव निजी कंपनियों को बेचने की शुरुआत है। हजारों लोग बेरोजगार हो जाते हैं।’’
संप्रग प्रमुख सोनिया ने कहा कि रायबरेली की रेल कोच फैक्टरी भारतीय रेल का सबसे आधुनिक कारखाना है जहाँ सबसे सस्ते और अच्छे कोच बनते हैं। वहां क्षमता से ज्यादा उत्पादन हो रहा है। कंपनीकरण से दो हजार से ज्यादा मजदूरों, कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य संकट में है।
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सोनिया गांधी ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि सरकार क्यों निजीकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ खास पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक कंपनियों को खतरे में डाला जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और बीएसएनएल के साथ क्या हुआ यह किसी से छिपा नहीं है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि रेल कंपनियों के कंपनीकरण को सरकार ने गहरा राज बनाकर रखा। यह फैसला करने से पहले मंजदूर संघ तथा मजदूरों को भी विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने रेल बजट को आम बजट में मिलाने पर भी सवाल उठाया तथा कहा कि इन सब मामलों की संसदीय छान-बीन की जानी चाहिए।