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मणिपुर चुनावों को लेकर सोनिया ने की हाईलेवल मीटिंग, बढ़ती चुनौतियों के बीच नेताओं के साथ किया गहन मंथन

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मणिपुर विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर मंगलवार को अपने आवास ‘दस जनपथ’ पर अहम बैठक की।

अगले कुछ महीनों समय में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है, ऐसे में कांग्रेस ने अपनी तैयारियों का जाएजा लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मणिपुर विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर मंगलवार को अपने आवास ‘दस जनपथ’ पर अहम बैठक की।
मणिपुर के वरिष्ठ नेता हुए शामिल 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी के मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास, वरिष्ठ नेता व पर्यवेक्षक जयराम रमेश, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और गैखंगम गंगमेई भी मौजूद रहे।
बैठक के बाद मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि चुनावों की तैयारियों को लेकर बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि अगले साल की शुरूआत में राज्य में चुनाव होने हैं। उत्तर पूर्व क्षेत्र में और मणिपुर एक महत्वपूर्ण राज्य है। मणिपुर में 60 विधानसभा की सीटें हैं। जहां फिलहाल बीजेपी वहां सत्ता में है।
मणिपुर से कांग्रेस के 2 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है
ताजा हालात में मणिपुर में कांग्रेस के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। एक के बाद एक कांग्रेस के विधायक अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को ही मणिपुर से कांग्रेस के 2 विधायकों आर के इमों सिंह और याम थोंग हाओकिप ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
उधर, दूसरी तरफ, आर के इमो सिंह को कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार अभी कई और विधायक पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। कई विधायकों की गतिविधियां पार्टी अनुशासन के खिलाफ हैं। यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व में मणिपुर को लेकर मंथन जारी है।
टीएमसी बढाएगी कांग्रेस की सियासी मुश्किलें
दरअसल मणिपुर विधानसभा चुनाव में अब तक भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता रहा है लेकिन इस बार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी मुकाबले में है। इसलिए कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। तृणमूल कांग्रेस के मणिपुर में चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से पार्टी बदलने वाले विधायकों के पास विकल्प बढ़ गए हैं।
हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन बाद में उसके विधायक कांग्रेस और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके साल 2017 में टीएमसी को मात्र एक सिर्फ जीत हासिल हुई थी। लेकिन इस बार कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रही राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव टीएमसी में शामिल हो चुकी हैं जो मणिपुर में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।

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