कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्र की सत्ता में आने पर हाल में पारित किसान विरोधी तीनों कानूनों को फाड़ कर रद्दी की टोकरी में डाल देंगे। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने वादा किया है कि कांग्रेस जब केंद्र की सत्ता सम्भालेगी तो वह सबसे पहले किसान विरोधी इन तीनो कानूनों को खत्म करेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से इन तीनों कानूनों का विरोध करती रही है। इन कानूनों का विरोध करने के कारण संसद में उसके सांसदों को निलंबित तक होना पड़ा है। जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहां किसानों को इन कानूनों के कारण नुकसान नहीं हो इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए अलग कानून बनाया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि किसान किसी दल विशेष का नहीं बल्कि सभी का होता है और वह अपनी मेहनत से सभी के पेट की भूख मिटाने का काम करता है इसलिए किसान की बात सुनी जानी चाहिए। गौरतलब है कि सर्द रात और खुले आसमान के नीचे पंजाब और हरियाणा के हजारों प्रदर्शनकारी किसान पानीपत शहर में एकत्रित हुए और उन्होंने शुक्रवार को ट्रैक्टर-ट्रेलरों पर अपनी आगे की यात्रा को फिर से शुरू किया।
वे केंद्र की कृषि कानून का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आना चाहते हैं। वहीं भारती किसान यूनियन एकता-उग्रहन और किसान संघर्ष कमेटी से जुड़े हजारों किसानों ने क्रमश: संगरूर जिले और अमृतसर जिले के जंडियाला से हरियाणा के रास्ते दिल्ली की ओर अपनी यात्रा शुरू करने की घोषणा की है। इससे एक दिन पहले वे अपने-अपने क्षेत्र में एकत्र हो गए थे।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पहले ही किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा है, क्योंकि उन्हें शहर में विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली के निराकरण का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर जिएंगे।