बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान कल यानि बुधवार को हो रहा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार सुबह बिहार के नाम एक संदेश दिया है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र पर जमकर निशाना साधा है। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि “आज बिहार में सत्ता और उसके अहंकार में डूबी सरकार अपने रास्ते से अलग हट गई है। ना उनकी करनी अच्छी है, ना कथनी। किसान और युवा आज निराश है।अर्थव्यवस्था की नाजुक स्थिति लोगों के जीवन पर भारी पड़ रही है। बिहार की जनता की आवाज कांग्रेस महागठबंधन के साथ है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “दिल्ली और बिहार की सरकारें बंदी सरकारें हैं इसलिए बंदी सरकार के खिलाफ एक नए बिहार के निर्माण के लिए बिहार की जनता तैयार है। अब बदलाव की बयार है। बिहार की जनता से मेरी अपील है कि वो महागठबंधन के उम्मीदवारों को वोट दें और नए बिहार का निमार्ण करें।”
उन्होंने कहा कि मजदूर आज मजबूर है। किसान आज परेशान है। नौजवान आज निराश है। अर्थव्यवस्था की नाजुक स्थिति लोगों के जीवन पर भारी पड़ रही है। धरती के बेटों पर आज गंभीर संकट है। दलितों और महादलितों को बेहाली की कगार पर लाकर छोड़ दिया गया है। समाज के पिछड़े वर्ग भी इसी मजबूरी के शिकार हैं।”
सोनिया ने आगे कहा कि “बिहार के हाथों में गुण है, हुनर है और निर्माण की शक्ति है, लेकिन बेरोजगारी, पलायन, महंगाई, भुखमरी ने उनकी आंखों में आंसू और पैरों में छाले दे दिए हैं। जो शब्द कहे नहीं जा सकते, उसे आंसुओं से कहना पड़ता है। भय, डर, खौफ, अपराध के आधार पर नीति और सरकारें खड़ी नहीं की जा सकतीं।”
उन्होंने कहा कि बिहार भारत का आईना है, एक आशा है। भारत का विश्वास है, जोश है – जुनून है। बिहार भारत की शान भी है और अभिमान भी। बिहार के किसान, युवा, मजदूर, भाई और बहनें सिर्फ बिहार में नही बल्कि पूरे भारत और दुनिया के कोने कोने में हैं। आज वही बिहार अपने गांव, कस्बे, शहरों, खेतों और खलिहानों में अपनी शान और भविष्य के लिए नए बदलाव को तैयार है। इसीलिए मैंने कहा कि बदलाव की बयार है।”
सोनिया ने आगे कहा कि “वोट की स्याही वाली उंगली अब सवाल लेकर खड़ी है। सवाल बेरोजगारी का है। सवाल खेती बचाने का है। सवाल रोटी और रोजगार का है। सवाल शिक्षा और सेहत का है। सवाल उद्योग-धंधे का है। सवाल बेलगाम अपराध पर रोक लगाने का है। सवाल तानाशाही शासन पर है। इसलिये आज वक्त है – अंधेरे से उजाले की ओर, झूठ से सच की ओर, वर्तमान से भविष्य की ओर बढ़ने का।”