लुधियाना-अमृतसर : कानूनी पेचीदगियों के अतिरिक्त सुच्चा सिंह लंगाह धार्मिक अविज्ञा के मामले में भी फंस चुके है। सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सम्मानित सदस्य होने के नाते उनपर भी सिख शिरया कानून लागू होता है। वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह की सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी आपत्तिजनक वीडियो का नोटिस लेते ही श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ङ्क्षसह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह ने इस मामले पर विचार करने के लिए 5 अक्तूबर को तख्तों के सिंह साहिबान की विशेष बैठक आमंत्रित की है। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने आज जारी बयान में कहा है कि सुच्चा सिंह लंगाह ने सामाजिक और पंथक हलकों में बदनामी करवा ली है। वही उनकी निंदनीय हरकतों से सिख रहित मर्यादा के सिद्धांतों को भी ठेस पहुंची है।
जत्थेदार ने यह भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में बड़े पदों पर रहते हुए सुच्चा सिंह लंगाह से ऐसी घटिया हरकत करके जहां सामाजिक और पंथक हलकों में बदनामी करवाई है वही दूसरी तरफ संसार भर में बसे गुरूनानक नाम लेवा सिख संगत द्वारा भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की जाएं, वह कम है। इसी संवेदनशील मामले पर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब जी की तरफ से 5 तख्तों के सिंह साहिबान के जत्थेदार साहिबान की 5 अक्तूबर 2017 दिन वीरवार को सचिवालय श्री अकाल तख्त साहिब पर हंगामी बैठक बुलाई गई है, जिसमें धार्मिक मामलों के प्रति गठित की गई धार्मिक सलाहकारों के भी इस मामले में सुझाव लेकर विचार करते हुए उक्त घटना के दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने के संकेत भी दिए है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ में कोई भी ऐसी घिनौनी हरकत जिससे सिखी के सिद्धांतों को ठेस लगती हो, पंथ ने कभी भी बर्दाश्त नहीं की और ऐसी घटिया हकरत करने वाले शख्स को उचित सजा दी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे तत्व जो सिखी पर कलंक हो, उन्हें कभी भी भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएंगा।
जिक्रयोग है कि 29 सितंबर को गुरदासपुर की रहने वाली एक महिला द्वारा सुच्चा सिंह लंगाह पर 8 साल से डरा-धमकाकर बलात्कार किए जाने के इल्जामों के उपरांत पंजाब पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पीडि़ता द्वारा पुलिस को सबूत के तौर पर एक विडियो भी दी गई थी। जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पीडि़त महिला ने आरोप लगाए थे कि 2009 में जब वह अपने परिवार समेत चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में सुच्चा सिंह लंगाह को मिली थी तो तरस के आधार पर मृतक पति के स्थान वाली सरकारी नौकरी के बदले उसे अपना जिस्म लंगाह को ना चाहते हुए भी सौंपना पड़ा था। पीडि़ता की शिकायत के मुताबिक लंगाह कई बार डरा-धमकाकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा है।
– सुनीलराय कामरेड