छत्तीसगढ़ विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। भूपेश बघेल और सत्यनारायण शर्मा ने संयुक्त प्रेस कांफ्रैंस में सवाल उठाया है कि एक दिन का विशेष सत्र बुलाना समझ से परे हैं। कम से कम छह दिनों का सत्र बुलाया जाना चाहिये। भूपेश बघेल ने कहा कि जब कोई बिल पास कराना होता है तभी सत्र बुलाया जाता है। जब कोई संकट होता है तो सत्र क्यों नहीं बुलाया जाता।
बोनस के ऐलान को बीजेपी दफ्तर में किए जाने को लेकर भी बीजेपी ने आपत्ति जताई। भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली दफा सिर्फ ढाई दिन में सत्र खत्म कर दिया गया ये दलील दी गई की कोई मुद्दा नहीं है जबकि उस वक्त भी मुद्दे थे और आज भी मुद्दे हैं। भूपेश बघेल ने कहा कि सत्र चलाने का निर्णय अध्यक्ष का है लेकिन विपक्ष की मांग है कि गौ-हत्या प्रदेश में सूखा और बेरला सामूहिक दुष्कर्म जैसे मामलों को जरूर उठाने का मौका दिया जाएगा।
पीसीसी चीफ ने कहा कि बीजेपी ने जब हर साल बोनस की बात कही थी तो इस मुद्दे को पहले ही रखना था लेकिन जब गौ-हत्या,सामूहिक दुष्कर्म जैसे मामले में सरकार फंस गई तो बोनस का चाल चला गया। वहीं सत्यनारायण शर्मा ने सत्र को कम से कम छह दिन के लिए बुलाने की मांग की ताकि मानसून सत्र में अनुत्तरित रह गए सवालों का भी जवाब लिया जा सके। उन्होंने कहा कि एक दिन के सत्र में कोई चर्चा ठीक से नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में नेता प्रतिपक्ष ने भी विधानसभा अध्यक्ष से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है।