एसआरबी ने जेसिका लाल, नैना साहनी और प्रियदर्शनी मट्टू के हत्यारों की रिहाई की मांग संबंधी अर्जी ठुकरायी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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एसआरबी ने जेसिका लाल, नैना साहनी और प्रियदर्शनी मट्टू के हत्यारों की रिहाई की मांग संबंधी अर्जी ठुकरायी

जेसिका लाल हत्याकांड, नैना साहनी की हत्याकांड और प्रियदर्शिनी मट्टू के रेप और हत्या के मामले में सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी)  ने इन तीनों गुनहगारों की सजा

जेसिका लाल हत्याकांड, नैना साहनी की हत्याकांड और प्रियदर्शिनी मट्टू के रेप और हत्या के मामले में सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी)  ने इन तीनों गुनहगारों की सजा घटना से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि दिल्ली में आज कैदियों की सज़ा पर समीक्षा करने वाले बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया है। दिल्ली सचिवालय में साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में 108 मामलों पर चर्चा हुई। इनमें से 22 मामलों में दोषियों की सजा पूरी होने पर उन्हें रिहा कर देने का फैसला किया गया। इसके अलावा 86 मामलों को खारिज कर दिया गया, उनमें ये तीनों भी शामिल हैं।

सजा समीक्षा बोर्ड की अध्क्षता दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया। सत्येंद्र जैन के अलावा बोर्ड में डायरेक्टर जनरल (प्रिजन), प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (कानून), ज्वाइंट कमिश्नर पुलिस (क्राइम), दिल्ली सरकार के चीफ प्रोबेशन ऑफिसर और एक डिस्ट्रिक्ट जज शामिल थे।

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उल्लेखनीय है कि इसी साल 24 जून को प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष सिंह और जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की सजा को लेकर एसआरबी की बैठक हुई थी। इसमें बोर्ड ने इन दोनों नामों पर विचार के लिए अगली सुनवाई तक टाल दिया था।

आपको बता दे कि प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष सिंह 2006 से जेल में बंद है। उसे दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2010 में हाईकोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।

वही , 19 साल पहले वर्ष 1999 में दिल्ली के महरौली स्थित कुतुब कोलोनेड रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए मना करने पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने जेसिका लाल नामक लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद मनु अपने दोस्तों के साथ फरार हो गया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले में 101 गवाह बनाए जिसमें श्यान मुंशी मामले का शिकायती बना और उसी के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकर गया। मामले की लंबी सुनवाई के दौरान मनु को जमानत मिल गई थी।

मनु की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की ओर से पेश दलीलों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

बाद में मनु की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी गई। लंबी सुनवाई के बाद मनु शर्मा को 20 जनवरी, 2006 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई, तब से वह जेल में सजा काट रहा है।

आपको बता दे कि नैना साहनी तंदूर मर्डर केस में कोर्ट में सुनील शर्मा को 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। ये सभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं।

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