भारी विदेश कर्ज तले दबा श्रीलंका फिर से प्रर्दशन की आग में जल रहा हैं। प्रर्दशनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया के अधिकारिक आवास पर भी कब्जा कर लिया हैं। इसी बीच श्रीलंका के आर्थिक संकट को देखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा – “हम श्रीलंका का बहुत समर्थन करते रहे हैं। हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। हम हमेशा उनके लिए बहुत मददगार होते हैं।”
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया। घर में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विक्रमसिंघे ने घोषणा की है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वह पद छोड़ देंगे। राजपक्षे के इस्तीफे पर एक बयान सार्वजनिक किया गया है, जिसके मुताबिक वह 13 जुलाई को औपचारिक रूप से अपने पद को त्याग देंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शरणार्थी संकट से मानने से किया इंकार
अपने केरल दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा श्रीलंकाअपनी समस्याओं के माध्यम से काम कर रहे हैं हमें इसके लिए थोड़ा वेट करना होगा और उसको देखना होगा वे क्या करते हैं, जब एक वरिष्ठ पत्रकार ने शरणार्थी संकट को लेकर सवाल पूछा तो उन्होनेंं कहा कि अभी कोई शरणार्थी संकट नही हैं
आईएमएफ करीब से रख रहा हैं श्रीलंका पर नजर
एक समाचार एजेंसी के अनुसार 22 मिलियन की जनसंख्या वाले देश पर 50 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है। 2027 तक 28 बिलियन डॉलर चुकाने की जरूरत है। इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने कहा है कि वह देश की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।