लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

आर्थिक पैकेज में राज्यों को बड़ा फायदा : अपनी जीडीपी के पांच प्रतिशत के बराबर कर्ज उठा सकते हैं

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिये राज्यों की कुल कर्ज उठाने की सीमा बढ़ा कर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की। अभी तक वे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत तक ही बाजार से कर्ज ले सकते थे।

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिये राज्यों की कुल कर्ज उठाने की सीमा बढ़ा कर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की। अभी तक वे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत तक ही बाजार से कर्ज ले सकते थे। इस कदम से राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त धन उपलब्ध होगा। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त जारी करते हुए यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिये कर्ज लेने की सीमा में की गयी वृद्धि विशिष्ट सुधारों से जुड़े होंगे। ये सुधार ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ को अपनाने, कारोबार सुगमता, बिजली वितरण और शहरी व ग्रामीण निकायों के राजस्व को लेकर हैं। 
उन्होंने कहा कि अभी राज्यों के लिये उधार जुटाने की पहले से स्वीकृत कुल सीमा 6.41 लाख करोड़ रुपये (सकल राज्य घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत) है। हालांकि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों पे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर उधार जुटाने की सीमा बढ़ाने की मांग की थी। 
राज्यों ने अब तक अधिकृत सीमा का केवल 14 प्रतिशत उधार लिया है। 86 प्रतिशत अधिकृत कर्ज सीमा को अभी तक उपयोग में नहीं लाया गया है। हालांकि राज्य इसके बावजूद कुल उधार की सीमा को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की मांग कर रहे थे। 
सीतारमण ने कहा, ‘‘अभूतपूर्व स्थिति के मद्देनजर, केंद्र ने उधार की कुल सीमा को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत किये जाने के राज्यों के अनुरोध को मंजूरी करने का निर्णय लिया है। उधार की सीमा में यह वृद्धि सिर्फ 2020-21 के लिये की गयी है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे।Ó 
उन्होंने कर्ज की सीमा बढ़ाने का ब्योरा देते हुए कहा कि अतिरिक्त उधार की छूट विशिष्ट सुधारों से जुड़ी होंगी। तीन प्रतिशत की सीमा से ऊपर उधार की सीमा में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि बिना शर्त की जा सकेगी। इसके अलावा 0.25-0.25 प्रतिशत की चार किस्तों में कुल मिला कर एक प्रतिशत बढ़ा हुआ कर्ज स्पष्ट रूप से विनिर्दिष्ट, तुलनीय और व्यवहार्य सुधारों से जुड़ा हुआ होगा। इनमें से प्रत्येक किस्त एक विशिष्ट सुधार से जुड़ी होगी। यदि चार सुधारों में से तीन के लक्ष्यों को पा लिया जाता है तो अंतिम 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का भी लाभ उठाने की छूट होगी।’’ 
वित्त मंत्री ने कहा, Òऔर, हम राज्य-स्तर पर सुधार के साथ कर्ज जुटाने की सीमा में की गयी वृद्धि को क्यों जोड़ना चाहते हैं? क्योंकि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उधार लिये जाने वाले लेने वाले पूरे धन का इस्तेमाल गरीबों के लाभ पर हो। इसके साथ ही एक देश-एक राशन कार्ड को लागू करने, जिला स्तर पर कारोबार को सुगम बनाने, बिजली वितरण एवं इससे संबंधित मुद्दे और शहरी व स्थानीय निकायों के राजस्व संबंधी मुद्दे केंद्र तथा राज्य सरकारों की सामूहिक जिम्मेदारी हैं।’’ 
उन्होंने कहा कि केंद्र ने पहले ही राज्यों को अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिये पहले से स्वीकृत जीएसडीपी की तीन प्रतिशत की सीमा का 75 प्रतिशत उधार लेने की अनुमति दे दी थी। वे पहली छमाही में 50 प्रतिशत उधार ले सकते थे, लेकिन हमने इसे 75 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। लेकिन, राज्यों ने अब तक सिर्फ 14 प्रतिशत उधार लिया है। अधिकृत उधार सीमा का 86 प्रतिशत अभी तक ऐसे ही पड़ा हुआ है।’’ 
सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने वास्तविक राजस्व संग्रह बजट अनुमानों से काफी कम रहने के बाद भी अप्रैल में राज्यों को करों से प्राप्त राशि में से 46,038 करोड़ रुपये दिये। केंद्र सरकार के समक्ष संसाधनों की कमी के बाद भी राज्यों को अप्रैल और मई में कुल 12,390 करोड़ रुपये के बराबर राजस्व घाटा अनुदान दिया गया।इसके अलावा, अप्रैल के पहले सप्ताह में 11,092 करोड़ रुपये के राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) को अग्रिम तौर पर जारी किये गये। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम से संबंधित प्रत्यक्ष गतिविधियों के लिये 4,113 करोड़ रुपये से अधिक जारी किये। 
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुरोध पर, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने राज्यों के वेज एंड मीन्स एडवांस (अस्थायी अर्थोपाय के लिए कर्ज) की सीमा लिमिट में 60 प्रतिशत की वृद्धि की। इसके अलावा, एक माह में लगातार ओवरड्राफ्ट की स्थिति 14 दिनों से बढ़ाकर 21 दिनों तक रख सकने की छूट दी गयी। 
इसी तरह एक तिमाही में ओवरड्राफ्ट की स्थिति कुल मिला कर 32 दिन की बजाय 50 दिन तक रखने की छूट दी गयी है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।