पश्चिम बंगाल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीएसएफ के जवानों और स्थानीय लोगों के समूहों के बीच बुधवार 24 मई, 2023 को तनाव पैदा हो गया | यह तनाव उस वक्त पैदा हुआ, जब सुरक्षाकर्मी उत्तर 24 परगना जिले के वीरा गांव में ड्रग तस्करों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे थे | बता दे यह जानकारी अब सामने आई है | बीएसएफ के मुताबिक, यह घटना तब सामने आयी है जब दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत 107 बटालिन के सीमा चौकी रामचंद्रपुर के जवानों को विश्वसनीय सूचना मिली कि सीमा के पास बीरा गांव में एक छोड़े हुए टिन के घर में बड़ी मात्रा में गांजा रखा हुआ है। सूचना के आधार पर जवानों ने स्थान के चारों ओर घात लगाकर हमला किया और करीब 9.45 बजे वे टिन के घर के पास पहुंचे और देखा कि दो तस्कर गांजा को प्लास्टिक के पैकेट में पैक कर रहे हैं।
छापे मारते समय क्या घटना हुई?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जैसे ही जवान उनके पास पहुंचे, एक तस्कर मौके से फरार हो गया, जबकि दूसरे तस्कर को जवानों ने पकड़ लिया। जब बीएसएफ के जवान आसपास के इलाके की तलाशी ले रहे थे, तभी लगभग 150 से 200 पुरुषों-महिलाओं की भीड़ घटनास्थल पर इकट्ठा हो गई, जोरों से पकड़े गए तस्कर की रिहाई की मांग करने लगी। बीएसएफ के जवानों ने भीड़ को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। लाठियों और छड़ों से लैस भीड़ ने मारो-मारो के नारे लगाने शुरू कर दिए।
इसके बाद सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि जब भीड़ ने हमले के इरादे से आगे बढ़ना जारी रखा, तो जवानों ने उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया और हवा में एक राउंड फायरिंग की, लेकिन भीड़ ने इसकी परवाह नहीं की। इस बीच, जैसे ही बीएसएफ के जवानों ने गिरफ्तार तस्कर और जब्त सामान को सीमा चौकी की ओर ले जाना शुरू किया, भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।
इस मामले में BSF ने क्या कहा?
बीएसएफ की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान तस्कर ने इस बात को स्वीकार किया कि वह 2021 से तस्करी में शामिल है। वह बीरा गांव के शाहिद मंडल के लिए काम करता था | जो ओडिशा से गांजा खरीदता था। उसने खुलासा किया कि रोनी मंडल नाम का एक अन्य तस्कर भी मौके पर उसके साथ मौजूद था लेकिन वह भागने में सफल रहा।