पटना : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित निर्वाचित छात्र नेता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब प्रति वर्ष बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में ससमय छात्र संघ का चुनाव होगा। छात्र नेता केवल राजनीति में आने और एमएलए, एपी बनने की बात नहीं सोचे सभी क्षेत्रों में नेतृत्व की आवश्यकता है। जेपीए गांधी और विनोबा ने चुनाव लड़े बिना भी देश को नेतृत्व प्रदान किया।
श्री मोदी ने कहा कि देशए दुनिया के बड़े राजनीतिक परिवर्तन में छात्र व छात्र आंदोलन की महत्ती भूमिका रही है। छात्र आंदोलन के कारण ही 1967 में देश के 9 राज्यों में गैरकांग्रेसी सरकार बनी। जेपी के नेतृत्व में 1974 में शुरू हुआ छात्र आंदोलन बाद में जन आंदोलन बना और 1977 में इसकी परिणति सत्ता परिवर्तन में रूप में हुआ। पहली बार देश में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गैर कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ। निर्वाचित छात्र नेताओं से अपील किया कि अब आंदोलन का जमाना नहीं है।
केवल संघर्ष नहीं रचनात्मक कार्य भी करें। छात्र संघ चुनाव में 90 प्रतिशत से ज्यादा एबीवीपी के छात्र चुन कर आए हैं। उम्मीद है कि जिस तरह से 1974 में राष्ट्रवादी छात्रशक्ति ने महंगाई, बेरोजगा, भ्रष्टाचार और शिक्षा में सुधार के मुद्दे पर आंदोलन शुरू कर 1975 से आपातकाल का मुकाबला किया वह आज भी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ अंतिम दम तक लड़ेगी। सम्मेलन को केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान, विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान, क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान विभिन्न विए विद्यालयों के निर्वाचित छात्र नेताओं को सम्मानित किया गया।
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