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कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द कराना चाहते हैं छात्र

10वीं और 12वीं कक्षा के एक लाख से अधिक छात्रों ने याचिकाओं पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने या उन्हें ऑनलाइन कराने का अनुरोध किया है।

देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। रोजाना संक्रमितों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। इसी के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षा के एक लाख से अधिक छात्रों ने याचिकाओं पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने या उन्हें ऑनलाइन कराने का अनुरोध किया है। पिछले दो दिनों से टि्वटर पर हैशटैग ‘कैंसल बोर्ड एग्जाम्स 2021’ ट्रेंड कर रहा है। 
बहरहाल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं और परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा। 
‘चेंज डॉट ओआरजी’ पर एक याचिका में कहा गया है, ‘‘भारत में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। जब देश में कुछ ही मामले थे तो उन्होंने बाकी की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी थी और अब जब मामले चरम पर हैं तो वे स्कूलों को खोलने की योजना बना रहे हैं। हम शिक्षा मंत्री से इस मामले पर विचार करने और इस साल होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि छात्र पहले ही बहुत तनाव में हैं।’’ 
10वीं कक्षा की छात्रा दिव्या गर्ग ने टि्वटर पर सरकार से कम से कम एक महीने के लिए परीक्षाएं रद्द करने और फिर मामलों की संख्या के आधार पर स्थिति की समीक्षा करने का अनुरोध किया। एक अन्य यूजर (उपयोगकर्ता) ने ट्वीट किया, ‘‘छात्र इस महामारी में अब तक काफी दिक्कतों का सामना कर चुके हैं। कक्षाएं ऑनलाइन हुईं इसलिए परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए या छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाना चाहिए।’’ 
आम तौर पर बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में और लिखित परीक्षाएं फरवरी में शुरू होती है तथा मार्च में संपन्न होती हैं। महामारी के कारण परीक्षाओं में देरी हो गई है और अब मई-जून में ये परीक्षाएं होनी हैं। सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और सभी कोविड-19 नियमों का पालन किया गया। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 40-50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है।’’ 
बोर्ड ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि अगर कोई छात्र खुद या परिवार के किसी सदस्य के संक्रमित पाए जाने के कारण प्रैक्टिकल परीक्षा में नहीं बैठता है तो स्कूल उचित समय पर उनके लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेगा। अधिकारी ने हालांकि इस पर टिप्पणी नहीं की कि क्या लिखित परीक्षा में भी यह छूट दी जाएगी। वहीं सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी और सचिव गैरी अराथून ने कहा कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही होंगी। 

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