प्रवासी मजदूरों से रेल का किराया वसूलने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बाद अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र पर सवाल खड़े किए है। उन्होने कहा कि भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है। जबकि विदेशों में फंसे भारतीयों को एयर इंडिया द्वारा मुफ्त में लाया गया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों से रेल का किराया वसूलना भारत सरकार की यह नैतिकता कैसी है! विदेशों में फंसे भारतीयों को एयर इंडिया द्वारा मुफ्त में लाया गया था। जबकि एक तरफ रेलवे प्रवासी मजदूरों से टिकट का पैसा ले रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है।
How moronic of the Government of India to charge steep rail fares from the half starved migrant labourers! Indians stranded abroad were brought back free by Air India. If Railways refuse to budge then why not make PM CARES pay instead?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 4, 2020
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से मजदूर लंबे समय से अन्य राज्यों फंसे हुए थे, लेकिन अब इन मजदूरों को एक महीने बाद घर वापिस जाने की अनुमति मिली, तो केंद्र सरकार ने रेल का किराया मजदूरों से वसूलने का फैसला लिया। केंद्र के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट करते हुए सोमवार को मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन करने फैसला किया है। वहीं राहुल गांधी ने केंद्र के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह अपने आप में एक गुत्थी है कि रेलवे एक तरफ ‘पीएम केयर्स’ कोष में 151 करोड़ रुपये दे रहा है और दूसरी तरफ प्रवासी श्रमिकों से किराया वसूल रहा है।