सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने अपने फैसले में ईडी की शक्तियों को बरक़रार रखते हुए विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तीखा हमला बोला है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पीएमएलए पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पीसी, बीसी आदि के लिए "चिकन खुद फ्राई होने आ गया " का मामला है। पी चिदंबरम ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान ईडी को शक्तियां बढ़ाई थी।”
दरअसल, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 241 याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के तहत आरोपी की गिरफ्तारी, तलाशी, कुर्की जब्ती अधिकार समेत कई प्रावधानों को उचित ठहराया है।SC judgment on PMLA is a case of “Chickens coming home to roost” for PC, BC, etc..The ED was empowered by PC during UPA tenure.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 27, 2022
पीठ ने हालांकि, कहा कि वर्ष 2019 में संसद द्वारा पीएमएलए में संशोधन को (धन विधेयक के रूप में लागू करने को चुनौती देने के मामले में ) सात न्यायाधीशों की एक बड़ पीठ द्वारा निर्णय लिया जाना है। यह मामला पहले ही उस पीठ के समक्ष लंबित है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख समेत तमाम लोगों ने गिरफ्तारी और जब्ती के खिलाफ 242 अर्जियां लगाई थीं।