पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विद्युत भवन परिसर में ऊर्जा विभाग से जुड़ी 3650.83 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का रिमोट के जरिए शिलान्यास/उद्घाटन/लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। विशेष रुप से इस कार्यक्रम का आयोजन ऊर्जा भवन में हो रहा है।
बहुत पहले इस परिसर में छात्र जीवन में अपने एक मित्र से मिलने यहां आया था। इस भवन परिसर के स्ट्रक्चर को ठीक किया जा रहा है, कई निर्माणाधीन काम किये जा रहे हैं, यह खुशी की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस मुख्य कार्यक्रम का उद्देश्य है कि हमने हर बसावट तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
27 दिसंबर 2017 को इस बात की घोषणा की गई थी कि हर गांव तक बिजली पहुंच गई है लेकिन कुछ बसावट बाकी रह गये थे, उसी दिन यह बताया गया था कि अप्रैल माह तक हर बसावट तक बिजली पहुंचा दी जायेगी और हमें खुशी है कि यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इसके लिए आप सबों को हृदय से धन्यवाद देता हूॅ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से भी बिजली बोर्ड के माध्यम से ऊर्जा सुधार के लिए काम किया गया है।
प्रबंधन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2012 में बिजली बोर्ड को पांच भागों में विखंडित कर कंपनी के रुप में अस्तित्व में लाया गया। बिजली बोर्ड में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी की सेवा शर्त में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन एवं साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के द्वारा सभी जगह पर एक समान काम हो रहे हैं और विद्युत आपूर्ति बेहतर हो रही है।
15 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमने कहा था कि अगर बिजली के क्षेत्र में सुधार लाने में कामयाब नहीं हुए तो वर्ष 2015 के चुनाव में वोट मांगने नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सात निश्चय के अंतर्गत एक निश्चय किया था कि हर इच्छुक परिवार के घर तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
हर घर तक बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए विद्युत विभाग ने अन्य विभागों की मदद से ऐसे घरों का आंकड़ा उपलब्ध कराया और उस पर तेजी से काम किया गया। जब हम यात्रा पर निकले तो लोगों से उसके बारे में जानकारी ली और साथ में रहे हमारे अधिकारियों ने इस काम में आ रही दिक्कतों का तुरंत निष्पादन किया। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और इस विभाग के मंत्री ने यह संकल्प लिया है कि दिसंबर 2018 तक हर घर तक बिजली पहुंचा दी जाएगी, इससे हम एक और निश्चय प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक बचे 26 लाख घरों में से 8 लाख से ज्यादा घरों में बिजली पहुंच गई है।
जून 2018 तक 14 लाख घरों तक बिजली पहुंच जाएगी, जैसा कि इनलोगों ने बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल की अध्यक्षता में बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के इस मॉडल की प्रशंसा की गई और भारत सरकार ने पूरे देश में इसे सौभाग्य योजना के नाम से लागू किया। उन्होंने कहा कि सात निश्चय में से एक निश्चय राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देना प्राप्त कर लिया गया है। दूसरे लक्ष्य के अंतर्गत हर घर तक बिजली पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है, चाहे जेनेरेशन हो, ट्रांसमिशन हो, सब ट्रांसमिशन हो या डिस्ट्रीब्यूशन हो। अभी 4,600 मेगावाट तक की बिजली की आपूर्ति की जा रही है। बिजली संचरण की क्षमता 9,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है। वर्ष 2005 में 45 ग्रिड सबस्टेशन था, अब यह 134 हो गया है और निकट में इसकी संख्या 162 हो जाएगा।
12 वर्षों में 487 नए पॉवर सब स्टेशन का निर्माण हुआ है। अब राज्य में कुल पॉवर सब स्टेशनों की संख्या 755 हो गयी है। इससे बिजली की क्वालिटी में सुधार हुआ है। बिजली के उत्पादन के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। एनटीपीसी के साथ समझौते के तहत कांटी एवं बरौनी में भी बिजली उत्पादन शुरु किया जा रहा है। 250 मेगावाट की दो-दो इकाई की शुरुआत की जाएगी।
नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाई शुरु की जा रही है। वहां 800 मेगावाट की तीन और इकाई लगेगी। जब हम केंद्र में मंत्री थे तो बाढ़ में एनटीपीसी के सहयोग से 660 मेगावाट की तीन इकाई और 660 मेगावाट की दो इकाई शुरु की गई। बिहार में पावर जेनेरेशन काफी हो रहा है और होने वाला है। निजी क्षेत्र में भी बिजली उपलब्ध है। बिजली की आपूर्ति करने में अब कोई दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की दर को ठीक करने के लिए सरकार ने बिजली नियामक आयोग के समक्ष जीरो सब्सिडी का प्रस्ताव रखा और जब रेट तय हुआ तब राज्य सरकार ने अपने खजाने से पिछले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को 3,000 करोड़ की सब्सिडी दी थी और इस वर्ष 4,125 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है। बिजली बिल में वास्तविक बिजली की दर और राज्य सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी उस पर अंकित रहेगी, जिससे लोगों को पता चलेगा कि सरकार उपभोक्ताओं को कितनी सहायता राशि दे रही है।
लोग इसे नैतिक जिम्मेदारी समझकर बिना वजह के बिजली की खपत नहीं करेंगे। जर्जर तार को बदलने के लिए बहुत बड़ी राशि खर्च की जा रही है, जिसका आज शुभारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिजली की उपलब्धता से लोगों के चेहरे पर खुशियॉ आयीं है। लोगों को निर्बाध गति से बिजली आपूर्ति हो रही है। ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा रहा है। हाल ही में रेहल गांव में ऑफ ग्रिड विद्युत आपूर्ति देखने का अवसर मिला।
सोलर पावर और विंड पावर के क्षेत्र में भी काम करने की जरुरत है। राज्य में विकास के हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। ऊर्जा विभाग के कार्य में जो गति आयी है, उसमें नेतृत्व का योगदान तो है ही, साथ-साथ जो युवा पीढ़ी के लोग इसमें कार्यरत हैं, उनकी बड़ी भूमिका है। ऊर्जा विभाग ने जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनता के द्वारा रिपोर्ट मंगवाकर यह घोषणा की है कि हर गांव में बिजली पहुंच गई है। आज जिन योजनाओं का उद्घाटन हुआ है, यह प्रसन्नता का विषय है ही लेकिन जिनका शिलान्यास हुआ है उनको भी समय पर पूर्ण करा लें। सभा को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, प्रधान सचिव ऊर्जा प्रत्यय अमृत ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री का स्वागत प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग प्रत्यय अमृत ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया। 25,626 टोलों में बिजली पहुंचने से संबंधित शिलापट्ट का मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिए अनावरण किया। इस अवसर पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके. नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक आर. लक्ष्मणन, नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप के.आर.पी., जनप्रतिनिधिगण, ऊर्जा विभाग के वरीय पदाधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा वीडियो कॉन्फे्रंसिग के माध्यम से जिलों में सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षद, एवं अन्य वरीय अधिकारी जुड़े थे।
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