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भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में SC ने स्थगित की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 9,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की पेशी से संबंधित याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक स्थगित कर दी।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) की पेशी से संबंधित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। पेशी से जुड़ी यह याचिका अवमानना के मामले से संबद्ध है जिसमें उसे दोषी ठहराया गया है। विजय माल्या 9,000 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी है।
न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा ने बुधवार को अवमानना मामले पर सुनवाई के लिए गुरुवार को दोपहर दो बजे का समय दिया। इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र जयदीप गुप्ता ने इस आधार पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था कि वह एक अन्य मामले में व्यस्त होंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को माल्या के खिलाफ अवमानना मामले पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की थी और भगोड़े कारोबारी को उसके समक्ष निजी तौर पर या वकील के जरिए पेश होने का आखिरी मौका दिया था। पीठ ने कहा था कि उसने माल्या को निजी तौर पर या किसी वकील के जरिए पेश होने के कई मौके दिए तथा 30 नवंबर 2021 के अपने आखिरी आदेश में विशेष दिशा निर्देश भी दिए थे।
न्याय मित्र गुप्ता ने कहा था कि कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है और उसे सजा सुनायी जाएगी। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अवमानना मामलों में कोर्ट का अधिकार क्षेत्र निहित है और उसने माल्या को पर्याप्त मौके दिए हैं, जिसका उसने फायदा नहीं उठाया।
पिछले साल 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह और इंतजार नहीं कर सकती और माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में सजा के पहलू पर अंतिम रूप से विचार करना होगा। माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था और उसकी सजा पर सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया गया। गौरतलब है कि माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है। वह 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा तीन साल पहले जारी प्रत्यर्पण वारंट में जमानत पर है।

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