आगामी संसद सत्र के दौरान भारत के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दे कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद के बजट सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावनाओं पर अन्य विपक्षी दलों के साथ विचार विर्मर्श चल रहा है। येचुरी ने मंगलवार को कहा कि माकपा अन्य विपक्षी दलों के साथ सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श कर रही है।
सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि संकट का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इसलिए इस पर हस्तक्षेप की जरूरत है। यह वक्त है जब सरकार को अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए। हम बजट सत्र में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की संभावना पर विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम चार न्यायाधीशों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ।जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा था कि हम चारों इस बात पर सहमत हैं कि इस संस्थान को बचाया नहीं गया तो इस देश में या किसी भी देश में लोकतंत्र जिंदा नहीं रह पाएगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका अच्छे लोकतंत्र की निशानी है।
चूंकि हमारे सभी प्रयास बेकार हो गए, यहां तक कि आज सुबह भी हम चारों ने चीफ जस्टिस से मुलाकात की, उनसे आग्रह किया। लेकिन हम अपनी बात पर उन्हें सहमत नहीं करा सके। इसके बाद हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा कि हम देश को बताएं कि न्यायपालिका की देखभाल करें। जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि 20 साल बाद इस देश का कोई बुद्धिमान व्यक्ति यह कहे कि चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ ने अपनी आत्मा बेच दी।
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