सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिये डाले गए मतों का कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने संबंधी 21 राजनीतिक दलों की याचिका पर चुनाव आयोग को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले में सहयोग के लिए एक अधिकारी नामित करने का आयोग को निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 25 मार्च की तारीख मुकर्रर की है। गौरतलब है कि आंध, प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, वामपंथी पार्टियां, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित 21 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
PM की तस्वीर वाले विज्ञापन हटाने की मांग लेकर चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने पिछले महीने एक ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपा था, जिसमें नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कई संदेहास्पद गतिविधियों के बारे में बताया गया था।