सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता स्मृति ईरानी द्वारा कांग्रेस नेता संजय निरुपम के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की निरूपम की अपील पर विचार करना सोमवार को स्वीकार कर लिया। अदालत ने इस संबंध में ईरानी को नोटिस जारी किया। निरूपम ने ईरानी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को अलग रखने की मांग की है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता की अपील पर गौर करने की मंजूरी देते हुए कहा,”आप टीवी बहस के लिए क्यों जाते हैं जब आप लड़ाई में पड़ जाते हैं और फिर अदालत का रुख करते हैं।” वर्ष 2012 में, एक चैनल पर डिबेट में ईरानी और निरुपम के बीच तीखी बहस हो गई थी। निरुपम ने कथित तौर पर ईरानी की साख पर सवाल उठाते हुए कहा था, ”आप टीवी पर डांस शो करने के लिए पैसे चार्ज करती थी? अब आप एक चुनावी विश्लेषक हैं?”
ईरानी ने 2013 में निरूपम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। कांग्रेस नेता ने भी जवाब में एक मानहानि का मुकदमा दायर किया। वर्ष 2014 में, तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसमें निरुपम द्वारा उनके खिलाफ शिकायत को और ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन को खारिज करने की मांग की गई।
वहीं, निरुपम ने ईरानी द्वारा दायर की गई शिकायत को और अदालत के 2013 के आदेश में उन्हें समन करने को लेकर चुनौती दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने तब निरूपम द्वारा दायर 2012 के मानहानि मामले में ईरानी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को अलग रखा। हालांकि, ईरानी द्वारा कांग्रेस नेता के खिलाफ दायर मानहानि मामले में उन्हें कोई राहत नहीं मिली।