लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

कोरोना वायरस : SC का वकीलों को चैंबर बंद करने का आदेश, महत्वपूर्ण मामलों में होगी वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए सुनवाई

देशभर में कोरोना के सोमवार तक 425 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है, इसकी साथ ही 9 संक्रमित लोग की मौत हो गई है।

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर और इसके आसपास स्थित सभी वकीलों को चैंबर सील करने को कहा है। साथ ही कोर्ट महत्वपूर्ण मामलों में वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करेगा। देशभर में कोरोना के सोमवार तक 425 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है, इसकी साथ ही 9 संक्रमित लोग की मौत हो गई है। 
कोर्ट ने यह भी कहा कि वकीलों और अन्य स्टाफ के सदस्यों के प्राक्सिमिटी प्रवेश कार्ड भी सोमवार से रद्द किए जा रहे हैं, जिसके चलते किसी भी व्यक्ति को परिसर में आने की इजाजत नहीं मिलेगी। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि किसी बेहद जरूरी वजह से कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ही किसी व्यक्ति को अधिकृत कर सकते हैं। 

Coronavirus संकट : केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान, दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान योजना

‘‘पीठ ने कहा, ‘‘हम परिसर में अधिवक्ताओं का समागम नहीं चाहते। अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई के लिए सप्ताह में एक बार सिर्फ एक कोर्ट ही बैठेगी और भी वीडियो कांन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से। हम उन वकीलों के साथ वीडियो लिंक साझा करेंगे जिनका मामला सूचीबद्ध होगा और वे अपने चैंबर या घर से बहस कर सकेंगे।’’ 
पीठ ने कहा कि वह उच्च कोर्ट अथवा किसी भी अधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की समय सीमा अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाने का निर्देश देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर रही है ताकि कोविड-19 महामारी की वजह से मामले समय वर्जित नहीं हो जाए। 
केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगले चार-छह सप्ताह में जिन अपीलों की समय सीमा आ रही हो उनमे यह अवधि बढ़ाई हुयी मान ली जाए। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वीडियो कांफ्रेन्सिग के लिए भी वकीलों को एक स्थान पर मिलना होगा जो निश्चित ही चिंता का विषय है। 
पीठ ने कहा, ‘‘हम ऐसी व्यवस्था करेंगे जिसमे अधिवक्ताओं की पहचान का सृजन किया जाएगा और वे अपने चैंबर या अपने घरों में बैठे बैठे ही बहस कर सकेंगे।’’ पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्टकी इ-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ इसके तौर तरीकों को देखेंगे। 
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि बेहतर होगा यदि कोर्ट इस अवधि को अवकाश घोषित कर दे क्योंकि अनेक वादकारी वकीलों पर उनकी ओर से पेश होने के लिए दबाव डाल रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि कानून में हम इसे क्या कहेंगे…हम इसे बंद करना या अवकाश कह सकते हें। यदि हम इसे अवकाश घोषित करें तो कोर्ट को इन कार्यदिवसरों की भरपाई के लिए जून के महीने में काम करना होगा। लेकिन चाहें जो हो, हम यह जानते हैं कि इसके लिए किसी प्रकार की भीड़ नहीं होगी। 
आप (दवे) वकीलों से कहिए कि वे कल शाम पांच बजे तक अपने चैंबर बंद कर दें। इसके बाद इन्हें सील कर दिया जाएगा। किसी भी सफाईकर्मी को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह इस बारे में सोमवार को शाम को प्रशासनिक आदेश जारी करेंगे। 
पीठ ने कहा कि चूंकि किसी भी वकील से इस मौके पर विदेश जाने की अपेक्षा नहीं है, याचिका दायर करने का काम किसी भी वक्त हो सकता है और सुप्रीम कोर्ट हर सप्ताहांत में एक बार स्थिति की समीक्षा करेगी दवे ने कहा कि हर कोई कोर्ट परिसर में आकर याचिका दायर करने में डर रहा है और ऐसी स्थिति में उचित रहेगा कि कोर्ट इसे चार सप्ताह का अवकाश घोषित कर दे। 
पीठ ने कहा, ‘‘हमारे पास वीडियो ऐप के लिए 6000 लाइसेंस हैं। हम आपको एक वीडियो लिंक दे देंगे और उससे आप हमें अपने घर या चैंबर से संबोधित कर सकते हैं। हम इस बारे में आज ही निर्णय लेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार स्वास्थ सेवा केन्द्र में डाक्टर हम सभी की देखभाल कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद हमें सावधानी बरतनी होगी’’ 
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकार्ड ने 21 मार्च को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे से अनुरोध किया था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ग्रीष्मावकाश दो से चार सप्ताह पहले की कर दिया जाए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

17 − 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।