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सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप से जुड़े सभी मामले दिल्ली में स्थानांतरित करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले पर उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी और इसे गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

सुप्रीम कोर्ट आज उन्नाव रेप केस में खुद सुनवाई का रहा है। सीबीआई के संयुक्त निदेशक सम्पत मीणा उन्नाव बलात्कार मामले में कोर्ट में पेश हुए। इस मामले में बुधवार को सीजेआई ने पत्र उनके समक्ष अब तक पेश नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बलात्कार, दुर्घटना मामलों की जांच की स्थिति से कोर्ट को अवगत कराया।  
सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिनों के भीतर महासचिव द्वारा सीजेआई द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में जांच का आदेश दिया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां को CJI के प्रसंस्करण पत्र में देरी में रजिस्ट्री अधिकारियों द्वारा कोई चूक / लापरवाही हुई थी या नहीं।
– सीजेआई ने कहा, हम उन्नाव में गांव में पीड़िता, उसके वकील, पीड़िता की मां, पीड़िता के चार भाई-बहनों और उसके चाचा को सुरक्षा और संरक्षण देते हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
– सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस केस से जुड़ी सभी सुनवाई को 45 दिन के अंदर पूरा किया जाए। साथ ही साथ अब इन मामलों की सुनवाई रोजाना की जाएगी।
– सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण से जुड़े पांच मामले उन्नाव से बाहर दिल्ली की सक्षम कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। 
– कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उन्नाव से बाहर मुकदमों को स्थानांतरित करने का आदेश देने के लिये इन मामलों का विवरण मांगा। 
– सीबीआई ने कोर्ट को सूचित किया कि बलात्कार पीड़ित और उसके वकील अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के लिए स्थानांतरित किए जाने की अवस्था में हैं। 
सीजेआई ने सड़क दुर्घटना मामले में जांच के लिए 7 दिन दिए है। सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, ‘आपको उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के साथ हुए हादसे में जांच के लिए कितना समय चाहिए?’ इस पर सॉलिसिटर जनरल कहते हैं, ‘एक महीना’। CJI ने जवाब दिया ‘एक महीना? नहीं, 7 दिन में जांच होनी चाहिए। ‘
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहला मामला उन्नाव में लड़की से बलात्कार का है। इस मामले में  आरोपपत्र दायर किया गया है और विधायक तथा अन्य दोषी जेल में हैं। उन्नाव पीड़िता के पिता के खिलाफ शस्त्र कानून से संबंधित दूसरा मामला फर्जी पाया गया है। तीसरा मामला बलात्कार पीड़िता की मां ने दर्ज कराया है कि उसके पति को पुलिस हिरासत में मार डाला गया।
वहीं कोर्ट के महासचिव टी मेहता ने CJI को सूचित किया कि उन्होंने CBI के निदेशकों के साथ बात की, जो इस मामले की जाँच लखनऊ में कर रहे हैं और उनके लिए 12 बजे तक दिल्ली पहुंचना संभव नहीं होगा। इस मामले  में कल सुनवाई के लिए कहा, लेकिन, सीजेआई ने सुनवाई को स्थगित करने से इनकार कर दिया।
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उन्नाव बलात्कार से बचे महेंद्र सिंह के वकील ने उन्नाव जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को तत्काल हथियार लाइसेंस देने के लिए 15 जुलाई को एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है, “मुझे आशंका है कि भविष्य में मेरी हत्या हो सकती है।”
कोर्ट ने आज दोपहर 12 बजे तक CBI के जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति की मांग की, ताकि वह मामले में प्रगति के बारे में बता सके। CJI रंजन गोगोई भी मामले में स्थिति के बारे में जांच का पूरा विवरण चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि इस मामले में ट्रायल ट्रांसफर की संभावना है।
सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से बलात्कार और सड़क दुर्घटना के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक के साथ बातचीत करने के लिए भी कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो चैंबर सुनवाई हो सकती है।
बुधवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, दुर्भाग्यवश पत्र अभी तक सामने नहीं आया है और समाचार पत्रों ने ऐसे समाचार प्रकाशित किए हैं कि जैसे मैंने पत्र पढ़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले पर उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी और इसे गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

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सीजेआई रंजन गोगोई ने कोर्ट के रजिस्ट्रार को पीड़िता के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही साथ रजिस्ट्रार को इस बारे में जवाब देने को भी कहा गया है कि अभी तक ये चिट्ठी उनके सामने क्यों नहीं आई थी। गुरुवार को जब सुनवाई होगी तो ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी, इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।

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