उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की 34 हजार करोड़ रुपये की एम्बी वैली की नीलामी पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की विशेष पीठ सहारा समूह के वकीलों की दलीलों से संतुष्ट नजर नहीं आई और उसने नीलामी पर रोक लगाने संबंधी सहारा का अनुरोध ठुकरा दिया।
गौरतलब है कि सहारा समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने कल मामले का विशेष उल्लेख किया था, जिसके बाद न्यायालय ने मामले को सुनवाई के लिए आज सूचीबद्ध किया था।
सहारा समूह ने विशेष पीठ को अवगत कराया कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ विवाद में उसने निवेशकों के भुगतान के लिए एक वैकल्पिक योजना बनाई है, लेकिन न्यायालय संतुष्ट नजर नहीं आया और उसने नीलामी पर रोक का अनुरोध ठुकरा दिया।
शीर्ष अदालत ने 25 जुलाई को समस्या में फंसे सहारा प्रमुख से सेबी-सहारा खाते में सात सितंबर तक 1,500 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। पीठ ने कहा था कि उसके बाद वह पूरा भुगतान के लिये 18 महीने का और समय दिए जाने के अनुरोध पर विचार कर सकती है।