सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाल तस्करी के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) के बीच तकरार को लेकर दोनों संस्थानों को फटकार लगाई। यह मामला पश्चिम बंगाल के एक अनाथाश्रम में बच्चों की तस्करी से जुड़ा हुआ है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केंद्रीय या राज्य आयोग को लेकर चिंतित नहीं है, बल्कि पीड़िता को लेकर चिंतित है। दोनों आयोगों को फटकार लगाते हुए, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो वैधानिक निकाय बाल तस्करी से जुड़े मामले में इस तरह से लड़ रहे हैं।
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पीठ ने कहा कि यह बहुत बुरा है कि दो आयोग बच्चों के कल्याण के लिए समाधान नहीं खोज पा रहे हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई बुधवार के लिए मुकर्रर कर दी। शीर्ष अदालत मामले में एनसीपीसीआर की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसके अंतर्गत कोलकाता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार निकाय को पश्चिम बंगाल में बाल तस्करी के मुद्दे में हस्तक्षेप करने से रोका था।
राष्ट्रीय आयोग ने पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(एडीजीपी), सीआईडी, राजेश कुमार को जलपाईगुड़ी के अनाथालय में तस्करी से संबंधी तथ्यों का पता लगाने के लिए कहा था। अधिकारी ने इस बाबत कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया और मामले में एनसीपीसीआर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा था कि राज्य आयोग पहले से ही मामले को देख रहा है।