सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरे भारत और विदेशों में उच्चतम जेड + सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि भारत या विदेश में प्रतिवादी मुकेश अंबानी को उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत उनके द्वारा उठाया जाएगा।
सुरक्षा कवर उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय
जस्टिस कृष्ण मुरारी और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सोमवार को ये निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि उसने पाया कि प्रतिवादी मुकेश अंबानी और उनके परिवार को प्रदान किया गया सुरक्षा कवर विभिन्न स्थानों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है। अदालत ने निर्देश जारी किए कि प्रतिवादी मुकेश अंबानी और उनके परिवार को पूरे भारत में और विदेश यात्रा पर उच्चतम Z+ सुरक्षा कवर प्रदान किया जाए और इसे महाराष्ट्र राज्य और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा सुनिश्चित किया जाए।
भारत या विदेश के क्षेत्र में अंबानी के द्वारा दिया जाएगा खर्च
प्रतिवादी मुकेश अंबानी को उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का पूरा खर्च भारत या विदेश के क्षेत्र में उनके द्वारा वहन किया जाएगा। प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी का तर्क है कि मुंबई पुलिस और गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा लगातार खतरे की धारणा के मद्देनजर प्रतिवादी को उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी। यह भी बताया गया है कि उत्तरदाताओं का देश भर में और दुनिया भर में भी कारोबार है और उनकी नींव की परोपकारी गतिविधियां देश के दूरस्थ कोने में भी प्रवेश करती हैं और खतरे की धारणा को देखते हुए सुरक्षा के लिए उच्चतम स्तर का सुरक्षा कवच आवश्यक है।
2022 के आदेश को स्पष्टीकरण की आवश्यकता
आवेदक के वकील का तर्क है कि 22 जुलाई, 2022 के आदेश को स्पष्टीकरण की आवश्यकता है क्योंकि उक्त आदेश प्रतिवादी मुकेश अंबानी को विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य के भीतर सुरक्षा कवर प्रदान करने तक सीमित था, जो उक्त के व्यवसाय और निवास का स्थान है।