सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के लिए नियमित निदेशक की नियुक्ति का अनुरोध करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि ऋषि कुमार शुक्ला का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त होने के बाद सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई)अधिनियम की धारा 4ए के तहत सीबीआई के लिए स्थाई निदेशक की नियुक्ति करने में नाकाम रही है। याचिका में कहा गया है कि इसके बजाए सरकार ने प्रवीण सिन्हा की नियुक्ति एजेंसी के अंतरिम निदेशक के तौर पर की है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा,‘‘ हम नोटिस जारी कर रहे हैं। हम इस पर दो सप्ताह बाद विचार करेंगे।’’ एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इससे सीबीआई के कामकाज पर असर पड़ रहा है और न्यायालय इस पर अगले सप्ताह विचार कर सकती है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अगले सप्ताह यह पीठ उपलब्ध नहीं होगी क्योंकि यह मराठा आरक्षण के मुद्दे को देखेगी, इसलिए मामले को दो सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है।
भूषण ने कहा कि न्यायालय उनसे (केन्द्र) कम से कम चयन समिति की बैठक आयोजित करने को कह सकता है। इस पर पीठ ने कहा,‘‘ हम उनकी बात सुनेंगे। हम नोटिस जारी कर रहे हैं।’’ याचिका में केन्द्र को यह भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह सीबीआई के निदेशक के चयन की प्रक्रिया पद के खाली होने से एक या दो माह पूर्व ही शुरू कर दे और उसे पूरी कर ले।