दिल्ली-एनसीआर में हाईवे और रेल यातायात को प्रभावित रखते हुए किसान आंदोलन को जारी रखने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। किसान महापंचायत संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि आपने शहर को घेर लिया है और अब आप अंदर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस रविकुमार की बेंच ने कहा, आप कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, इसका मतलब है कि आपको कोर्ट पर भरोसा है। फिर विरोध प्रदर्शन की क्या जरूरत। आप प्रदर्शन कर यातायात को बाधित कर रहे हैं, ट्रेनों और नेशनल हाईवे को अवरुद्ध कर रहे हैं। आपने शहर को घेर लिया है और अब आप अंदर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं।
कोर्ट ने कहा, नागरिकों के पास आजादी से और बिना किसी डर के घूमने के समान अधिकार हैं। उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। किसान महापंचायत को कड़े लहजे में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या शहरी लोग अपना बिजनेस बंद कर दें। क्या ये लोग शहर में आपके धरने से खुश होंगे? मामले में संतुलित दृष्टिकोण होना चाहिए।
किसान महापंचायत के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल दिल्ली पुलिस से अनुमति मांग रहे हैं। पीठ ने याचिका की प्रति एजी के कार्यालय को देने का आदेश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 4 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया।