कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृत्युदंड के मामलों और परिवार कानूनों से संबंधित याचिकाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है । अपनी वेबसाइट पर जारी एक नोटिस में हालांकि उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा है कि संबंधित पीठ की उपलब्धता और प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अनुमति पर यह निर्भर करेगा।
नोटिस में कहा गया, ‘‘इसका संज्ञान लेते हुए मृत्युदंड के मामले, और परिवार कानून से संबंधित मामलों को संबंधित पीठ की उ स के अनुसार, ‘‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए इच्छुक पक्ष ई-मेल के जरिए 24 अप्रैल तक जल्द से जल्द विवरण के साथ अपनी सहमति प्रदान करें ।’’
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देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के मद्देनजर पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने अत्यधिक जरूरी मामलों की सुनवाई के दौरान वादियों और वकीलों के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया था। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शीर्ष अदालत ने 23 मार्च से अपने कामकाज को सीमित कर दिया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न पीठों द्वारा केवल जरूरी मामलों की सुनवाई की जा रही है । परिपत्र में कहा गया था कि प्रधान न्यायाधीश लॉकडाउन के दौरान जरूरी समझे जाने वाले मामलों की सुनवाई के लिए पीठ गठित करेंगे ।