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सुप्रीम कोर्ट को मिलेंगे आज पांच नए जज, CJI दिलाएंगे शपथ

देश की न्यायिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जहां सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट के नए 5 जजों की न्युक्ति की जाएगी और आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इन्हें शपथ दिलाएंगे

देश की न्यायिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जहां सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट के नए 5 जजों की न्युक्ति की जाएगी और आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इन्हें  शपथ दिलाएंगे। बता दें कि शपथ ग्रहण सुबह 10:30 बजे से होगा। सुप्रीम कोर्ट के नए जज के रूप में शपथ लेने वाले तीन चीफ जस्टिस जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार होंगे। इसके अलावा दो जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम भी शामिल है। 
चीफ जस्टिस पंकज मित्तल 
पंकज मित्तल का मूल कैडर इलाहाबाद हाई कोर्ट है। चीफ जस्टिस पंकज मित्तल 1985 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत शुरू की और उत्तर प्रदेश आवास व विकास परिषद के स्थायी वकील के रूप में कार्य किया। वो 1990 और फरवरी 2006 के बीच डॉ बी आर आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के स्थायी वकील भी थे। न्यायमूर्ति मित्तल को 7 जुलाई, 2006 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 2 जुलाई, 2008 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 4 जनवरी, 2021 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए साझा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 
न्यायमूर्ति संजय करोल
आज शपथ लेने जा रहे दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति करोल हैं, जिनका मूल हाई कोर्ट कैडर हिमाचल प्रदेश है। पदोन्नति के समय वे पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति करोल का जन्म 23 अगस्त, 1961 को हुआ। न्यायमूर्ति करोल ने हाई कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में वकालत की। उन्हें संविधान, कराधान, कॉरपोरेट, आपराधिक और दीवानी से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। उन्हें 1999 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
न्यायमूर्ति करोल 1998 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता भी रहे और 8 मार्च, 2007 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे। उन्हें 25 अप्रैल, 2017 से अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 9 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा हाई कोर्ट और 11 नवंबर, 2019 को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 
न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार
न्यायमूर्ति कुमार मूल रूप से तेलंगाना हाई कोर्ट से जुड़े हैं। वो पांच न्यायाधीशों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं और पिछले साल 13 दिसंबर को कॉलेजियम द्वारा सिफारिश के समय और बाद में केंद्र द्वारा मंजूरी के समय मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। उनका जन्म 14 अगस्त, 1963 को हुआ। उन्होंने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से वाणिज्य में स्नातक किया और 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। न्यायमूर्ति कुमार ने अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के सदस्य के रूप में पंजीकरण कराया और 2000 से 2003 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में एक सरकारी वकील के रूप में कार्य किया।
उन्हें 8 अगस्त, 2008 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पीठ में पदोन्नत किया गया और 20 जनवरी, 2010 को अदालत के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। न्यायमूर्ति कुमार ने 14 अक्टूबर, 2019 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने 14 फरवरी, 2021 को मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह
पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अमानुल्लाह चौथे न्यायाधीश हैं, जिन्हें शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है। उनका जन्म 11 मई, 1963 को हुआ। उन्होंने 27 सितंबर, 1991 को बिहार स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण कराया और मार्च 2006 से अगस्त 2010 तक राज्य सरकार के स्थायी वकील रहे। वो पटना हाई कोर्ट में एक सरकारी वकील थे। उसी अदालत में 20 जून, 2011 को न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति हुई। उन्हें 10 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में और 20 जून 2022 को पटना हाई कोर्ट में वापस स्थानांतरित कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा
न्यायमूर्ति मिश्रा का जन्म 2 जून, 1965 को हुआ। उन्होंने 12 दिसंबर, 1988 को एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया और 21 नवंबर, 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। उन्होंने 6 अगस्त, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली।

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