भारत म्यांमार सीमा पर सेना ने बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांडर ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इंडो-म्यांमार सीमा पर सेना ने बड़ी कार्रवाई की है और नागा उग्रवादियों को निशाना बनाया है। इस हमले में कई नागा उग्रवादी ढेर हो गए हैं और उनके कई कैंपों को तबाह कर दिया है।
Detailed statement attached pic.twitter.com/nbLYMLCqxQ
— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
सेना की पूर्वी कमान ने ट्वीट करके बताया कि कार्रवाई में बड़ी संख्या में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग) के उग्रवादी मारे गये हैं जबकि भारतीय सुरक्षा बलों में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह कार्रवाई सुबह चार बजकर पचास मिनट पर की गयी थी।
Heavy casualties reportedly inflicted on NSCN(K) cadre. No casualties suffered by Indian Security Forces
— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
सेना ने बाद में एक बयान जारी करके स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई भारतीय सीमा के भीतर ही की गयी है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार नहीं की गयी।
बयान के अनुसार आज तड़के भारत म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर अज्ञात उग्रवादियों ने गोलियां चलाईं जिस पर सेना ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की। इससे उग्रवादियों का आपसी संपर्क टूट गया और वे घटनास्थल से भाग गये।
Reports of casualties to #IndianArmy personnel factually incorrect. Firefight
occurred along Indo-Myanmar border at 0445 hrs today @adgpi— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
बयान में कहा गया कि आरंभिक सूचना के अनुसार इस कार्रवाई में उग्रवादी बड़ी संख्या में हताहत हुए हैं। जबकि सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ।
सेना प्रमुख ने साफ शब्दों में कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक एक संदेश था जिसे हम देना चाहते थे। मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है। बिपिन रावत ने कहा कि हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं। आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे।
आपको बता दे कि इसके पहले भी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना दिवस के मौके पर (15 जनवरी) कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन शांति को बाधित किया जाता है तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह चेतावनी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दी थी। दिल्ली छावनी में आयोजिक कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि नई दिल्ली के खिलाफ छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद भारत शांति चाहता है। उन्होंने यह बयान पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दिया. उन्होंने कहा कि छद्म युद्ध को दिए जा रहे सहयोग के बावजूद हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति चाहते हैं। हालांकि, किसी भी संघर्षविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बता दें कि 2015 में भारतीय सेना ने म्यांमार पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था और आज एक बार फिर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है। लगभग एक साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।