कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी खामियों एवं नाकामियों की वजह से चीनी सेना के हमले में हमारे सैनिकों की शहादत का यह दुखद दिन देश को देखना पड़ा हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि चीनी सेना के इस दुस्साहस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार ने मौन साध लिया है। देश को उम्मीद नहीं थी कि 40 दिनों की दिल्ली के हुक्मरानों की सरकारी चुप्पी का परिणाम इतना हृदय विदारक होगा और केंद्र की भाजपा सरकार की खामियों और नाकामियों की वजह से हमारे सैनिकों की शहादत का यह दुखद और वेदना भरा दिन देश को देखना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि चीनी सेना द्वारा हमले में देश के सैन्य अधिकारी सहित 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में भारी रोष है, गंभीर चिंता एवं व्यग्रता है। देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है। भारत के साहसी सैनिकों पर हमें नाज़ है, जो सीना ताने आज भी दुश्मनों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी एवं पूरा प्रतिपक्ष बार बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहे, आगाह करते रहे कि कुछ बताईये कि आखिर सीमा पर परिस्थितियां क्या हैं, चीन की सेना हमारी सरहदों में कहां तक घुस आई है। हमारी कितनी जमीन हड़प ली गई है। सेना के पूर्व अधिकारी भी लगातार आगाह कर रहे थे कि स्थिति गंभीर है और सरकार को सावधान होकर कार्यवाही की आवश्यकता है। मगर लापरवाह और नाकाम सरकार अपने राजनीतिक जलसों, चुनावी लड़ाईयों, विपक्ष की सरकारें गिराने के षडयंत्रों में व्यस्त रही और सीमा की सच्चाई देश से छिपाती रही। दुख से कहना पड़ता है कि केंद्रीय भाजपा सरकार की प्राथमिकता में देश नहीं, अपने दल की सत्ता मात्र है।
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार में सवालों पर पाबंदी है और सूचनाओं पर तालाबंदी है। आज देश से सब कुछ छिपाया जा रहा है। पर क्या मोदी सरकार के पास उन मांओं के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने लाड़ले बेटों की कुर्बानी दी है। सच्चाई यह है कि देश की हुकूमत चेताए जाने के बावजूद आंखें मूंदे रही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम फिर दोहराते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की भूभागीय अखंडता के हर मुद्दे पर देश के 130 करोड़ नागरिक एक हैं एवं सरकार के साथ खड़े हैं, परंतु मोदी सरकार को देश को विश्वास में लेना होगा।